तुष्टिकरण की राजनीति कर रही कांग्रेस, राजीव चंद्रशेखर का आरोप, उपचुनाव के लिए जमात-ए-इस्लामी से लिया समर्थन

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम कांग्रेस की ऐसी देश विरोधी पार्टियों को मुख्यधारा में लाने की राजनीति को उजागर कर रहे हैं। यह पहली बार है जब कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी के दबाव में आकर उनके साथ गठबंधन की घोषणा की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि जमात-ए-इस्लामी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ संगठन है। कांग्रेस पहले भी इसे खतरनाक बता चुकी है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि नीलांबुर उपचुनाव में कांग्रेस ने खुलेआम और औपचारिक तौर पर जमात-ए-इस्लामी से समर्थन लिया और जीत हासिल की। एक तरफ वे संविधान और धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे देश विरोधी दलों के साथ अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं। हाल ही में खड़गे साहब ने कहा, "जब लोग आपातकाल को भूल चुके हैं, तो आप 50 साल क्यों मना रहे हैं?"
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राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम कांग्रेस की ऐसी देश विरोधी पार्टियों को मुख्यधारा में लाने की राजनीति को उजागर कर रहे हैं। यह पहली बार है जब कांग्रेस ने जमात-ए-इस्लामी के दबाव में आकर उनके साथ गठबंधन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हमने 26/11 के समय कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति देखी है; उन्होंने आरएसएस को दोषी ठहराया। पहलगाम हमले के दौरान रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि यह अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के कारण हुआ। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन जमात-ए-इस्लामी के साथ राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस केवल तुष्टिकरण के लिए ऐसी राजनीति कर रही है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस जमात-ए-इस्लामी से समर्थन लेती है, जिससे पता चलता है कि पार्टी को दूर से कौन नियंत्रित करता है।
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केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर अपनी निर्णायक जीत से उत्साहित विपक्षी यूडीएफ ने सोमवार को इसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी की दिशा में पहला कदम बताया, जबकि राज्य में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने कांग्रेस-नीत गठबंधन पर सांप्रदायिक मतों के सहारे जीत हासिल करने का आरोप लगाया। संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) नेतृत्व ने नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार आर्यदान शौकत की सफलता का श्रेय मजबूत सामूहिक प्रयास और नेताओं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय को दिया है।
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