धर्म का इस्तेमाल करके राजनीति में अपना लक्ष्य साधना गलत, अखिलेश प्रताप सिंह बोले- यह आस्था का विषय है

Akhilesh Pratap Singh

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भाजपा नेता द्वारा प्रतीकों की बात किए जाने का भी उल्लेख किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सब प्रतीक इसलिए हैं क्योंकि इसने दिखाए गए जो रास्ते हैं उसने अनुरूप बतौर राजनेता आप काम करें। यह नहीं है कि सिर्फ धर्म के आधार पर आप वोट मांगें।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुधांशु जी धर्म और विकास पर तर्क कर रहे थे। लेकिन मेरा मानना है कि धर्म निजी आस्था का विषय है और धर्म रास्ता बताता है। धर्म आपको ज्ञान देता है। धर्म को उपयोग करके राजनीति में अपना लक्ष्य प्राप्ति करना गलत होता है। 

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इसी बीच उन्होंने भाजपा नेता द्वारा प्रतीकों की बात किए जाने का भी उल्लेख किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सब प्रतीक इसलिए हैं क्योंकि इसने दिखाए गए जो रास्ते हैं उसने अनुरूप बतौर राजनेता आप काम करें। यह नहीं है कि सिर्फ धर्म के आधार पर आप वोट मांगें।

धर्म की बात करती है भाजपा 

वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जो बात-बात में धर्म और जाति का सहारा लें उससे सदैव सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि वो इसी मार्ग से अपने पक्ष में लोगों को करके अपना हित साधते हैं। आज भाजपा धर्म की बात करती है और दूसरा कोई धर्म की बात करने वाला व्यक्ति दिख जाता है तो उन पर हमला करने लगते हैं और सोचते हैं कि उनपर सिर्फ उनका कॉपीराइट है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के लिए धर्म और उनके प्रतीकों का सहारा लेती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्र को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक मोर्चों पर आपकी नीतियां क्या होनी चाहिए। सत्ता में रहने के बाद आपने इस राष्ट्र और समाज को उन्नति की तरफ पहुंचाया है या नहीं ? अगर ऐसा किया हो तो वो धर्म का सहारा नहीं लेगा। 

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उन्होंने कहा कि धर्म एक आस्था और विश्वास का प्रश्न है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग उनकी खामियों को भूल जाएं। ऐसे में लोगों को इनसे सतर्क रहना चाहिए।

रामराज्य को अच्छे से पढ़ें

कांग्रेस नेता ने कहा कि रामराज्य की बात करते हैं... रामराज्य को पहले अच्छे से पढ़ लो... उसमें विचारधारा की बात थी। जिस मर्यादा पुरुषोत्तम राम का नाम श्रद्धा से लेकर लोग गौरवांवित होते थे लेकिन आज भाजपा के लोग अनर्थ करते वक्त नाम लेते हैं क्या यह सही तरीका है ? भगवान का नाम श्रद्धा के लिए होता है आस्था के लिए होता है उसमें जागृति पैदा करने के लिए होता है।

उन्होंने कहा कि आज चुनाव आ गया है, धर्म की बात होगी, मंडल-कमंडल की बात भी सुनते हैं। आप पांच साल की बात करो। अपना घोषणा पत्र बताओ, आपने जो वादें किए थे आपने वो किया। यह बताइए। इस पर बात करिए। आफ सरकार में आकर आप प्रदेश को क्या देंगे इस पर बात करिए। 

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उन्होंने कहा कि 70 साल में कभी भी इतनी बेरोजगारी, महंगाई, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक समरसता तारतार हुई है। हालांकि लोग समझ गए है कि यह लोग राम भक्त नहीं है क्योंकि अगर रामभक्त होते तो उन्हीं के पैसे खाते।

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