Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भरी सियासी हुंकार, पार्टी के लिए सत्ता बचाए रखना प्रतिष्ठा का सवाल

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद की जा रही है। जहां कांग्रेस अपने सत्ता को बचाए रखना चाहती है, तो वहीं बीजेपी कांग्रेस की सत्ता में सेंध लगाना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपनी सत्ता बचाने की जद्दोजहद में जुटी है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद की जा रही है। जहां कांग्रेस अपने सत्ता को बचाए रखना चाहती है, तो वहीं बीजेपी कांग्रेस की सत्ता में सेंध लगाना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी अपनी सत्ता बचाने की जद्दोजहद में जुटी है। वहीं चुनाव के मद्देनजर बड़े नेताओं के राज्य में दौरे लग रहे हैं। वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी चुनावी अभियान को धार देने खुद मैदान में उतरी हैं। 

कांग्रेस लगा रही पूरी ताकत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां एक के बाद एक कई कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान कर रहे हैं। तो वहीं कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता भी वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना काफी ज्यादा दिलचस्प होगा कि कांग्रेस विकास की सौगात से सत्ता को बरकरार रख पाती है या नहीं। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की सत्ता का रास्ता बस्तर के इलाके से होकर जाता है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सियासी दलों का फोकस बस्तर इलाके की एक दर्जन विधानसभा सीटों पर है।

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बीजेपी कर सकती है सेंधमारी

वर्तमान समय की बात करें तो इन सभी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन अगर बीजेपी बस्तर इलाके में सेंधबाजी करती है, तो कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है। इसलिए कांग्रेस के दिग्गज नेता छत्तीसगढ़ में बस्तर इलाके पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। साल 1990 के बाद से ध्यान दें तो बस्तर इलाके में करीब हर 10 साल बाद सियासत करवट लेती रही है। ऐसे में प्रियंका गांधी भी अपनी दादी के नक्शेकदम पर चलते हुए कांकेर में उतरकर बस्तर को सियासी संदेश देने की रणनीति है। 

कांग्रेस को मिली थी जीत

बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 90 सीटों पर दो चरणों में मतदान हुए थे। ऐसे में कांग्रेस ने सीएम के तौर पर भूपेश बघेल की अगुवाई में 90 सीटों में 60 सीटों पर जीत हासिल की थी। तो वहीं बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। प्रदेश में बीजेपी का 15 सालों तक शासन रहा है। जिसके बाद साल 2018 में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो पाई थी। वर्तमान समय की बात करें तो 90 सदस्यीय वाली विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के पास 71 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद दिलचस्प मुकाबला होने वाला है।

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