पूर्वोत्तर में घुसपैठ और कश्मीर में आतंकवाद के लिए योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

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योगी आदित्यनाथ ने पूर्वोत्तर में घुसपैठ और कश्मीर में आतंकवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इस क्षेत्र के विकास एवं प्रगति और देश की एकता या जन कल्याण के लिए कभी काम ही नहीं किया, उसका ध्येय बस सत्ता हथियाना रहा।

होजाई/कालियागांव/रंगिया (असम)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वोत्तर में विकास की कमी और घुसपैठ एवं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए बुधवार को कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। असम के होजाई, कालियागांव और रंगिया में एक के बाद एक तीन चुनाव रैलियों को संबोधित करते हुए योगी ने कांग्रेस पर सत्ता के लालच के चलते जनकल्याण एवं विकास की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इस क्षेत्र के विकास एवं प्रगति और देश की एकता या जन कल्याण के लिए कभी काम ही नहीं किया, उसका ध्येय बस सत्ता हथियाना रहा। इस कारण यहां के लोग लंबे समय तक उसके कुशासन तथा इस क्षेत्र में अवैध प्रवासन की समस्या को झेलने के लिए बाध्य हुए।’’ उन्होंने होजाई में कहा कि पूर्वोत्तर ने कांग्रेस की एक के बाद एक आई सरकारों से विकास की उम्मीद लगाए रखी, ‘‘लेकिन विकास नहीं हुआ क्योंकि प्रगति उसके एजेंडे में थी ही नहीं।’’

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योगी ने कहा कि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस क्षेत्र के विकास के लिए ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ निरस्त कर ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ लागू की तथा उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि उनका हर कैबिनेट मंत्री पूर्वोत्तर में एक दिन रहकर और इसका अध्ययन करेगा कि जनकल्याण से जुड़ी उनके विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयान कैसे हो रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कि वह जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के लिए 1952 में अनुच्छेद 370 लेकर आई और पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद के आने का रास्ता साफ किया। योगी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर जाने और जमीन खरीदने पर पाबंदी लगाई लेकिन अब केंद्र की राजग सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी कर दिए जाने के बाद देश के किसी हिस्से का व्यक्ति वहां सपंत्ति खरीद सकता है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद-370 का मजबूती से विरोध किया था और इसे राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बताया था क्योंकि एक देश में दो संविधान, दो ध्वज और दो प्रधानमंत्री नहीं हो सकते हैं। कालियागांव की रैली में योगी ने असम में कांग्रेस नीत गठबंधन की आलोचना की और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने लोकसभा सदस्य बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ से हाथ मिलाया है जो असम में घुसपैठ कराने के लिए बदनाम है। योगी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा घुसपैठ का समर्थन किया है। उन्होंने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम आतंकवाद एवं उग्रवाद मुक्त हुआ है और प्रगति के पथ पर बढ़ा है। योगी ने कहा, ‘‘यह नया भारत है। किसी को भी सभ्यता एवं संस्कृति से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी को भी देश की सुरक्षा एवं संप्रभुता से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम (भाजपा) अपने विकास कार्यों में जाति, समुदाय, धर्म या के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। हम सभी के विकास के लिए लेकिन किसी का तुष्टीकरण न करने के लिए हैं।’’

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योगी ने कहा कि जिस तरह से श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान (बोरडोवा) को भाजपा ने मुक्त कराया, उसी तरह भाजपा असम को अवैध घुसपैठियों से मुक्त कराएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘श्रीमंत शंकरदेव दूरदृष्टि रखने वाले नेता थे जिन्होंने भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का बीजा बोया और घुसपैठियों के प्रति ध्यान आकर्षित कराया। इसी वजह से कांग्रेस ने उन्हें उनका सम्मान नहीं दिया। पार्टी हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करती है।’’ हलांकि, वैष्णव संत को लेकर यह आश्चर्यजनक टिप्पणी है क्योंकि श्रीमंत शंकरदेव का जन्म 1449 में हुआ और उनका देहांत 1568 में हुआ जबकि पूर्वी बंगाल (बंटवारे के बाद पूर्वी पाकिस्तान) से घुसपैठ 20वीं सदी में सामने आई। स्वतंत्रता के बाद घुसपैठ की समस्या शुरू हुई। ‘जय श्री राम‘ का उद्घोष करते हुए भाजपा नेता ने कहा , ‘‘ भारत में भगवान राम का नाम लिए बगैर कोई काम नहीं हो सकता है। राम भारत की पहचान, धरोहर, संस्कृति और उसका आधार हैं। सारी बाधाओं को पार करते हुए भाजपा सरकार ने अयोध्या में राममंदिर की आधारशिला रखी। असम के लोगों ने भी इसके निर्माण में उदारतापूर्वक योगदान दिया।’’ वहीं, श्रीमंत शंकरदेव को लेकर योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने आश्चर्य व्यक्त करने के साथ उपहास उड़ाया। कांग्रेस प्रवक्ता बबीता शर्मा ने कहा, ‘‘असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के उस बयान से स्तब्ध है जिसमें उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव ने 15वीं सदी में घुसपैठियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यह साबित करता है कि भाजपा नेता को असम की संस्कृति की कितनी कम जानकारी है जिसकी रक्षा करने का वे दावा करते हैं।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस मोदी और आदित्यनाथ को इतिहास की कुछ पुस्तकें भेंट करना चाहेगी।

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