द्रमुक विधायकों के निलंबन पर रोक लगाने से कोर्ट का इंकार
मद्रास उच्च न्यायालय ने द्रमुक को तगड़ा झटका देते हुए पार्टी के 79 विधायकों के राज्य विधानसभा से निलंबन पर रोक लगाने से आज इनकार कर दिया।
चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने द्रमुक को तगड़ा झटका देते हुए पार्टी के 79 विधायकों के राज्य विधानसभा से निलंबन पर रोक लगाने से आज इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने निलंबित विधायकों के जारी सत्र में शामिल होने के संबंध में भी अधिकारियों को कोई अंतरिम निर्देश नहीं दिया है। हालांकि पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल को नोटिस जारी कर दिया। लेकिन जब उनकी ओर से किसी ने नोटिस नहीं लिया तो पीठ ने द्रमुक के कोषाध्यक्ष और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन और विधायक त्यागराजन के वकील को उन्हें व्यक्तिगत नोटिस देने की मंजूरी दे दी।
सरकार और विधानसभा के सचिव को भी नोटिस जारी किये गए हैं। ये नोटिस उनकी ओर से उनके अधिवक्ताओं ने स्वीकार किए हैं। बीते 17 अगस्त को राज्य की विधानसभा में तब काफी हंगामा हुआ था जब विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने द्रमुक के सभी विधायकों को सदन की कार्रवाई में कथित तौर पर खलल डालने के लिए सदन से बाहर कर दिया था और उन्हें एक हफ्ते के लिए निलंबित भी कर दिया था।
शुरूआत में 80 विधायकों को निलंबित किया गया था लेकिन बाद में एक विधायक का निलंबन वापस ले लिया गया क्योंकि हंगामे के दौरान वह सदन में उपस्थिति ही नहीं था। यह हंगामा अन्नाद्रमुक के एक विधायक की स्टालिन के खिलाफ टिप्पणियों के बाद शुरू हुआ था। अपने विधायकों के निलंबन के खिलाफ द्रमुक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि सभी विधायकों का एक साथ निलंबन गैरकानूनी है।
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