दिल्ली ब्लास्ट: गिरफ्तार आतंकियों के फोन से जैश-ए-मोहम्मद और ISIS के टेरर प्लान का पर्दाफाश, NIA की बड़ी कामयाबी

Delhi Blast
ANI
रेनू तिवारी । Nov 21 2025 11:38AM

गिरफ्तार आतंकवादियों के जब्त फोन से जैश-ए-मोहम्मद और ISIS से जुड़े आतंकवादी प्रशिक्षण, बम बनाने की तकनीक और क्रॉस-बॉर्डर आतंकी लिंक जैसे बड़े खुलासे हुए हैं, जिससे दिल्ली ब्लास्ट के पीछे की अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता चला है। NIA ने इन खुलासों के आधार पर लाल किले के पास हुए कार धमाके के चार मुख्य आरोपियों की 10 दिन की कस्टडी हासिल की है, जो देश भर में फैले एक बड़े आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करता है।

10 नवंबर को लाल किले के पास एक कार में हुए ब्लास्ट की जांच में डॉ. मुज़म्मिल, आदिल, डॉ. शाहीन और इरफ़ान समेत गिरफ्तार आतंकवादियों के फ़ोन की जांच के बाद अधिकारियों को बड़ी कामयाबी मिली है। अकेले डॉ. मुज़म्मिल शकील गनई के मोबाइल से लगभग 200 वीडियो मिले हैं। सोर्स के मुताबिक, इनमें जैश चीफ़ मसूद अज़हर, दूसरे जैश कमांडरों और ISIS से जुड़े आतंकवादियों के भाषणों की रिकॉर्डिंग है, जो कट्टरपंथियों की सोच को सामने लाती है।

टेरर ट्रेनिंग और बम बनाने से जुड़ा कंटेंट

इनमें से लगभग 80 वीडियो आतंकवादी ट्रेनिंग, बम बनाने की तकनीक और केमिकल रिएक्शन पर फोकस करते हैं - जिससे रिसर्च और ऑपरेशनल प्लानिंग के गहरे लेवल का पता चलता है। इन मटीरियल से इन ग्रुप्स द्वारा ऑपरेटिव्स को ट्रेन करने और विस्फोटक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों के बारे में जानकारी मिलती है।

खास जगहों पर नज़र

फ़ोन में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई और दूसरे राज्यों के धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले बाज़ारों के वीडियो भी थे। इन रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि घनी आबादी वाले आम इलाकों में प्लान किए गए हमलों या टोही मिशन से जुड़ी निगरानी की गई थी।

क्रॉस-बॉर्डर टेरर लिंक

2022 में, डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. उमर, जैश कमांडर के ऑर्डर पर तुर्की में एक सीरियाई ISIS टेररिस्ट कमांडर से मिले थे। इस मीटिंग में बम बनाने पर बातचीत हुई और सीरियाई ऑपरेटिव ने मदद की, जिससे इन टेरर नेटवर्क के इंटरनेशनल कनेक्शन और कोलेबोरेशन का पता चला।

इस डिटेल्ड इंटेलिजेंस ने बड़े टेरर नेटवर्क की स्ट्रेटेजी और क्रॉस-बॉर्डर कोऑर्डिनेशन का खुलासा किया है, जिससे कई भारतीय राज्यों में काउंटर-टेररिज्म कोशिशों के लिए ज़रूरी सबूत मिले हैं।

NIA ने दिल्ली ब्लास्ट केस में 4 आरोपियों की 10 दिन की कस्टडी हासिल की

पटियाला हाउस की स्पेशल NIA कोर्ट ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को 10 नवंबर को दिल्ली के मशहूर लाल किले के बाहर हुए जानलेवा कार ब्लास्ट के चार मुख्य आरोपियों की 10 दिन की कस्टडी दी। आरोपियों में पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे शामिल हैं - सभी को आगे की पूछताछ और जांच के लिए NIA को रिमांड पर दिया गया है।


गिरफ्तारियों का ओवरव्यू

NIA ने पटियाला हाउस कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज के प्रोडक्शन ऑर्डर के तहत श्रीनगर से चारों को कस्टडी में लिया। इससे ब्लास्ट के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या छह हो गई है। इससे पहले, दो और लोगों - आमिर राशिद अली, जिसके नाम पर ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार रजिस्टर्ड थी, और जसीर बिलाल वानी, जिसने आतंकवादियों को टेक्निकल सपोर्ट दिया था - को गिरफ्तार किया गया था और अभी उनकी जांच चल रही है।

जारी जांच

NIA ने शुरू में ब्लास्ट से जुड़ी आतंकी साजिश का पता लगाने के लिए 15 दिन की कस्टडी मांगी थी। यह जांच कई राज्य पुलिस फोर्स के साथ मिलकर की गई एक कोशिश है जिसका मकसद हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी मॉड्यूल के हर सदस्य को ट्रैक करना और पकड़ना है।

लाल किले के पास हुए कार धमाके में कई लोगों की मौत हो गई और देश की राजधानी दहल गई, जिसके बाद हाई-लेवल सिक्योरिटी ने कार्रवाई शुरू कर दी। इस हमले को एक बड़ी आतंकी घटना माना जा रहा है, और सबूतों से पता चलता है कि यह एक बड़ा ऑपरेशन था जिसमें जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी ग्रुप से जुड़े लोग शामिल थे।

इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि 10 नवंबर को लाल किले के पास एक कार में हुए ब्लास्ट के बाद यहां अल फलाह यूनिवर्सिटी के 200 से ज़्यादा डॉक्टर और स्टाफ जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां ​​अल फलाह यूनिवर्सिटी में लगातार चेकिंग कर रही हैं, जिससे यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और स्टाफ में चिंता बढ़ गई है। बुधवार को, यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारी अपना सामान गाड़ियों में पैक करके गेट से निकलते देखे गए। यूनिवर्सिटी के सूत्रों के मुताबिक, वे छुट्टी लेकर अपने घर लौट रहे हैं।

जांच एजेंसियां ​​ब्लास्ट के बाद यूनिवर्सिटी छोड़ने वाले लोगों की संख्या का पता लगा रही हैं और उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही हैं। सूत्रों ने कहा कि उन्हें शक है कि इनमें से कई लोग आतंकवादियों से जुड़े थे। सूत्रों ने कहा कि कई लोगों ने अपना मोबाइल डेटा डिलीट कर दिया है, जिसकी भी जांच की जाएगी। 

 

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