Doda की तुलना Joshimath से करने से प्रशासन का इंकार, घरों में दरारों से परेशान लोगों ने लगाई और मदद की गुहार
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन हालात पर करीबी नजर रख रहा है। हालांकि, उन्होंने डोडा के हालात की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ में हुई भू-धँसाव की घटना के साथ करने से इंकार किया।
जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के एक गांव में घरों में दरारें आने के बाद 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। इस बीच, अधिकारियों ने किश्तवाड़-बटोटे राष्ट्रीय राजमार्ग के पास थाथरी के नई बस्ती गांव में एक मस्जिद और एक मदरसे को भी असुरक्षित घोषित कर दिया। हम आपको बता दें कि नई बस्ती गांव के कुछ घरों में कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन पिछले सप्ताह भूस्खलन से स्थिति और खराब हो गई, जिससे प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई। उप जिलाधिकारी (थाथरी) अतहर अमीन जरगर ने इस मामले की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति के साथ करने से इंकार करते हुए कहा, ‘‘नई बस्ती की स्थिति की भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से तुलना करना अतिशयोक्ति होगी।'' उन्होंने कहा, ''हमें भूस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और चिनाब घाटी बिजली परियोजनाओं के भूवैज्ञानिकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण कर लिया है।’’
उधर, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के विशेषज्ञों की एक टीम ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर के डोडा जिले के एक गांव का निरीक्षण किया, ताकि करीब दो दर्जन पक्की इमारतों में दरारों के कारणों का पता लगाया जा सके। डोडा के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन ने कहा कि जीएसआई के विशेषज्ञों ने ठठरी तहसील में प्रभावित नई बस्ती गांव का दौरा किया और 19 रिहायशी घरों, एक मस्जिद और लड़कियों के एक धार्मिक स्कूल में दरार का कारण जाना। महाजन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अब्दुल कयूम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और कहा कि जीएसआई टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।
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इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन हालात पर करीबी नजर रख रहा है। हालांकि, उन्होंने डोडा के हालात की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ में हुई भू-धँसाव की घटना के साथ करने से इंकार किया। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मनोज सिन्हा ने राजभवन में एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है और बहुत घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और (पुनर्वास के लिए) हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।’’ उधर, जिन लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है वह कह रहे हैं कि अस्थायी राहत से हमें कोई फायदा नहीं होगा। इसके अलावा प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि प्रशासन को राहत के लिए और कदम उठाने चाहिए।
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