राजनाथ सिंह लॉन्च की DRDO की कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी, DGCI द्वारा प्रमाणित है दवाई

DRDO
रेनू तिवारी । May 17 2021 8:28AM

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को लॉन्च की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस दवा को लॉन्च करेंगे। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।

नयी दिल्ली। दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने DRDO द्वारा विकसित एंटी-कोविड दवा 2DG के पहले बैच का विमोचन किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को लॉन्च की गयी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस दवा को लॉन्च करने के लिए समारोह में शामिल हुए। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।

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रक्षा मंत्रालय ने इस महीने के शुरू में कहा था कि कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई)की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ के मुख्यालय में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों केन्द्रीय मंत्री इस दवा की पहली खेप को लॉन्च करेंगे।

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विस्तार से पीटीआई की तरफ से आयी जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप सोमवार को जारी की। कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई)की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह दवा कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए उम्मीद की किरण ले कर आई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के वैज्ञानिक कौशल का अनुपम उदाहरण है।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समय थकने और आराम करने का नहीं है क्योंकि इस महामारी के स्वरूप को लेकर कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है।

डीआरडीओ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘हमें ना तो थकना है और ना ही आराम करना है। क्योंकि यह लहर दूसरी बार आई है और इसे लेकर कुछ निश्चित जानकारी नहीं है। हमें बहुत सावधानी से कदम आगे बढ़ाना है।’’ उन्होंने कहा कि चाहे ऑक्सीजन की आपूर्ति का मामला हो या आईसीयू बिस्तरों या तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात हो, सरकार ने पूरी स्थिति को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त हो चुके चिकित्सकों को स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए मोर्चे पर लगाया गया है। सेवा के बाद भी इस अभियान में जुड़े चिकित्सकों की मैं दिल से सराहना करता हूं।’’ रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों की ओर से कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में किए जा रहे योगदानों की चर्चा की और कहा कि इसके बावजूद सीमाओं पर उनके क्रियाकलापों पर कोई असर नहीं पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सब मुसीबतों के बीच हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सीमाओं पर हमारी तैयारियों पर कोई असर ना पड़े। हमारे बलों के जज्बे में कहीं भी कोई कमी नहीं आई है। हम इसे अच्छी तरह जानते हैं। मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, जीत हमारी होगी।’’ रक्षा मंत्रालय ने आठ मई को एक बयान में कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं। इस दवा को ऐसे समय में मंजूरी मिली है जब भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चपेट में है और देश के स्वास्थ्य ढांचे पर इसका गहरा असर पड़ा है। कोविड-19 रोधी इस दवा को डीआरडीओ की अग्रणी प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया है। यह दवा एक सैशे में पाउडर के रूप में उपलब्ध रहेगी जिसे पानी में मिलाकर मरीजों को पीना है। 

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