National Herald केस में ED का एक्शन, 751 करोड़ की संपत्ति अटैच, गांधी परिवार को झटका

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जांच किए गए मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न करने का आदेश जारी किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार के मामलों की मनी लॉन्ड्रिंग जांच में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन (वाईआई) की ₹751 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। जहां दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में एजेएल की ₹661 करोड़ की अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं, वहीं वाईआई की अपराध से प्राप्त आय इक्विटी शेयरों के रूप में कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जांच किए गए मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से संलग्न करने का आदेश जारी किया है।
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ईडी ने अपने बयान में कहा कि जांच से पता चला कि मेसर्स एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ) भारत के कई शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में फैली अचल संपत्तियों के रूप में अपराध की आय से रु. 661.69 करोड़ की है। एजेंसी ने 26 जून 2014 के आदेश के तहत एक निजी शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जारी प्रक्रिया के आधार पर नेशनल हेराल्ड के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
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ईडी के बयान में मंगलवार को कहा गया कि अदालत ने माना कि मेसर्स यंग इंडिया सहित सात आरोपी व्यक्तियों ने प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत संपत्ति की डिलीवरी के लिए बेईमानी से प्रेरित करने के अपराध किए हैं।
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