पवार पर ईडी की कार्रवाई ने विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा को दिया जीवन दान: राउत

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[email protected] । Sep 27 2019 6:01PM

राउत ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में एक मराठी चैनल से कहा कि ईडी के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और शक्तिशाली मराठा नेता पवार एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे (ईडी के मामले को) अगले विधानसभा चुनावों के नजरिए से देख रहा हूं।

मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन का मामला दर्ज किया जाना पार्टी के लिए जीवनदायी साबित हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र राज्य सरकारी बैंक (एमएससीबी) के कथित घोटाले के संबंध में पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और एक पूर्व उपमुख्यमंत्री सहित कई लोगों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है। इस संबंध में पवार ने पहले कहा था कि वह शुक्रवार को ईडी के कार्यालय जाएंगे, लेकिन बाद में शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मिलने के बाद कानून-व्यवस्था की दिक्कत पैदा होने का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी योजना टाल दी।

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राउत ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में एक मराठी चैनल से कहा कि ईडी के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और शक्तिशाली मराठा नेता पवार एक सम्मानित व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे (ईडी के मामले को) अगले विधानसभा चुनावों के नजरिए से देख रहा हूं। जो लोग पवार को जानते हैं और प्रदेश की राजनीति को समझते हैं, वह कहेंगे कि बिना वजह जांच एजेंसी ने इस मामले को राजनीतिक बना दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पवार महाराष्ट्र और देश के शीर्ष नेता हैं। उनकी अपनी एक छवि है।’’ राउत ने कहा कि पवार के साथ उनकी पार्टी के राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन ये उनका समर्थन करने के रास्ते में आड़े नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘पवार के साथ हमारे राजनीतिक मतभेद हैं। (शिवसेना के संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे के वक्त से ही हम उनकी आलोचना करते रहे हैं... उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.... कभी जीतते हैं और कभी हारते हैं। वह भी हमारे खिलाफ हारे हैं।’’ उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की एक संस्कृति है, जब भी कुछ गलत होता है, हम सब एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं।

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राज ठाकरे से ईडी ने पूछताछ की थी तब उद्वव ठाकरे ने कुछ सकारात्मक बातें कही थी। धन शोधन के एक अन्य मामले में ईडी ने पिछले महीने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से पूछताछ की थी। उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकर उनके समर्थन में बोले थे। राउत ने कहा, यहां तक कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी कह चुके हैं कि बैंक घोटाले से पवार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, हजारे पवार के राजनीतिक विरोधी हैं और राकांपा प्रमुख के खिलाफ कई आंदोलन कर चुके हैं। राउत ने भाजपा नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे का भी हवाला दिया। खडसे ने कहा था कि बैंक घोटाले पर विधानसभा में चर्चा हुई थी लेकिन पवार का नाम सामने नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘‘उनका नाम उस शिकायत में भी नहीं है, जिसके आधार पर उच्च न्यायालय कार्रवाई कर रहा है। सिर्फ इसलिए कि उनके कुछ सहयोगी इसमें शामिल हैं, उन्हें सरगना कहा जा रहा है। यह कानून की जद में नहीं आता है।’’ राउत ने कहा कि इसमें ना तो भाजपा और ना ही सरकार की कोई भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई हो रही है। पवार का नाम लेकर जांच एजेंसी ने सुनिश्चित किया है कि राकांपा जैसी सुसुप्त हो चुकी पार्टी को चुनाव से ठीक पहले जागने का मौका मिल जाए। इसने राकांपा के कैडर को नींद से जगा दिया है।’’ 78 वर्षीय पवार ने आरोपों से इंकार किया है, जबकि उनकी पार्टी का कहना है कि ईडी की जांच राजनीति से प्रेरित है।

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