ईडी से अस्पताल न्यास के वित्तीय लेनेदेन की जांच करने को कहा

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने ईडी से ‘शिक्षा ओ अनुसंधान धर्मार्थ न्यास (एसओए) के सभी वित्तिय लेनदेन की जांच करने को कहा है।

भुवनेश्वर। अस्पताल में आग लगने की घटना में आज इसकी संचालक न्यास के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को न्यास के वित्तीय लेनेदेन की जांच करने को कहा है। सम अस्पताल में लगी आग की घटना में 21 लोगों की मौत हो गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने ईडी से ‘शिक्षा ओ अनुसंधान धर्मार्थ न्यास (एसओए) के सभी वित्तिय लेनदेन की जांच करने को कहा है। यह न्यास सम अस्पताल समेत कई संस्थानों का संचालन करता है। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा काले धन को लेकर नियुक्त एसआईटी के उपाध्यक्ष न्यायाधीश अरिजीत पसायत ने ओडिशा पुलिस को भी जांच के दौरान ईडी को सहयोग देने को कहा है।

पुलिस महानिदेशक केबी सिंह ने बताया, ‘‘काले धन के मुद्दे पर बुधवार रात हमें एसआईटी की ओर से पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि शिक्षा ओ अनुसंधान धर्मार्थ न्यास के वित्तीय लेनदेन की जांच के दौरान हम ईडी को सहयोग करें।’’ डीजीपी ने बताया कि एसआईटी ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि न्यास के वित्तीय लेनदेन से संबंधित किसी भी दस्तावेज या सबूत से छेड़छाड़ नहीं की जाए और ना ही इन्हें नष्ट किया जाए। यह निर्देश अस्पताल से संबंधित दस्तावेजों पर भी लागू होता है। एसओए का संचालन करने वाले न्यास के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक की गिरफ्तारी के साथ ही एसआईटी ने ईडी द्वारा जांच के निर्देश दिए हैं। यह न्याय एक इंजीनियरिंग कॉलेज और सम अस्पताल समेत कई संस्थानों का संचालन करता है।

न्यास के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक ने आज तड़के खानदागिरी पुलिस थाने में आत्मसमर्पण किया था जिसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच तक पहुंच गई है। इससे पहले पुलिस आयुक्त की ओर से धर्मार्थ न्यास के न्यासी नायक और शाश्वती दास के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। डीजीपी ने बताया कि नायक से पूछताछ की जा रही है जबकि दास को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। राज्य सरकार के अग्निशामक सेवा विभाग द्वारा दर्ज करवाई गई प्राथमिकी के आधार पर मंगलवार रात सम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पुष्पराज समेत चार वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

सम अस्पताल के प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि अस्पताल ने राज्य सरकार के 2013 के परामर्श को नजरअंदाज किया जिसमें आग लगने की स्थिति में इससे निपटने वाली प्रणाली को दुरूस्त करने को कहा गया था। अस्पताल के पास कथित तौर पर अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से सम अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अग्नि सुरक्षा उपायों में हद दर्जे की लापरवाही बरतने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर राजस्व संभागीय आयुक्त अस्पताल में आग लगने के मामले की जांच कर रहे हैं।

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