चुनाव आयोग ने विज्ञापन की पूर्व मंजूरी पर ताजा आदेश दिए

चुनाव आयोग ने आज निर्देश जारी किए कि विधानसभा चुनावों से गुजर रहे असम और पश्चिम बंगाल में 10 और 11 अप्रैल को कोई अखबारी इश्तहार बिना मंजूरी लिए प्रकाशित नहीं किए जाएं। चुनाव आयोग का यह कदम बिहार चुनाव के दौरान जारी भाजपा के विवादित विज्ञापनों की पृष्ठभूमि में आया है। असम में चुनाव का दूसरा चरण और पश्चिम बंगाल में पहले चरण के चुनाव का दूसरा हिस्सा 11 अप्रैल को होगा। आयोग ने इसी तरह के निर्देश दोनों राज्यों में चुनाव के पहले चरण से पहले जारी किए थे।
आयोग ने असम और पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारियों को जारी ताजा निर्देश में कहा कि अतीत में ‘‘आघात पहुंचाने वाली और गुमराह करने वाली प्रकृति के विज्ञापनों’’ के मामले उसकी निगाह में लाए गए हैं। आयोग ने कहा, ‘‘चुनाव के आखिरी चरण में ऐसे विज्ञापन चुनाव का माहौल बिगाड़ते हैं। ऐसे मामलों में प्रभावित उम्मीदवारों और पार्टियों के पास सफाई पेश करने या खंडन करने का कोई मौका नहीं होता।’’ आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो और ‘‘उत्तेजक, गुमराह करने वाले या नफरत फैलाने वाले विज्ञापनों’’ के चलते कोई अप्रिय घटना न हो, कोई राजनीतिक पार्टी, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति 10 अप्रैल और 11 अप्रैल को प्रिंट मीडिया में कोई इश्तहार नहीं देगा।
संविधान के अनुच्छेद 324 (चुनाव के संचालन की निगरानी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए आयोग ने कहा कि इश्तहार बस तभी छपाए जा सकते हैं जब वे जिला और राज्य स्तर पर काम कर रहीं मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समितियों से पूर्व-सत्यापित हों। आयोग ने निर्देश दिया है कि अखबारों को उन विज्ञापनों के बारे में भी सूचना दी जानी चाहिए जिन्हें समिति ने मंजूरी नहीं दी है। बिहार चुनाव के दौरान बिहार में भाजपा की ओर से प्रकाशित दो विवादस्पद विज्ञापनों के प्रकाशन पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया था। उनमें से एक विज्ञापन में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जद (यू) नेता नीतीश कुमार पर आरोप लगाया गया था कि वे दलितों और अति-पिछड़ों का कोटा अल्पसंख्यकों को हस्तांतरित करने की योजना बना कर ‘‘दलितों की थाली छीन’’ रहे हैं।
एक अन्य विज्ञापन में भाजपा ने ‘वोट की खेती’ की चर्चा करते हुए आरोप लगाया था कि राजद, जद (यू) और कांग्रेस नेता वोट की खातिर एक खास समुदाय की तुष्टि कर आतंकवादियां को ‘‘पनाहगाह प्रदान’’ कर रहे हैं।
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