हिजाब उतारकर नहीं पढ़ाना चाहती इंग्लिश लेक्चरर, इस्तीफा देते हुए कहा- आत्मसम्मान को ठेस पहुंची
कर्नाटक में हिजाब विवाद मामला इस समय हाई कोर्ट में है और इस समय सभी स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी तरह के घार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी गई है। विवाद को देखते हुए बेंगलुरु में 28 फरवरी तक धारा 144 लगाया गया है।
कर्नाटक में हिजाब विवाद मामले के बीच अब एक अंग्रेजी की टीचर ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि, बिना हिजाब के पढ़ाना उनको सही नहीं लग रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला कर्नाटक के जैन पीयू कॉलेज का बताया जा रहा है। अंग्रेजी टीचर का कहना है कि, हिजाब उतारकर पढ़ाना उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रही है। वह इसे उतारकर पढ़ाना नहीं चाहती क्योंकि उन्हें कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा हैं। कर्नाटक में हिजाब विवाद मामला इस समय हाई कोर्ट में है और इस समय सभी स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी तरह के घार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी गई है। विवाद को देखते हुए बेंगलुरु में 28 फरवरी तक धारा 144 लगाया गया है।
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इसके मुताबिक कोई भी प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच यह मुद्दा बहुत गरमाया हुआ है। फिलहाल परीक्षा के लिए उडुपी में स्कूल फिर से खोले जा चुके हैं और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। वहीं बता दें कि, कांग्रेस विधायकों ने ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के़ एस़ ईश्वरप्पा के राष्ट्र ध्वज के संबंध में दिए गए कथित बयान को लेकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग करते हुए पूरी रात कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद में बितायी। उन्होंने यह भी मांग की कि ईश्वरप्पा पर उनके बयान को लेकर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। ईश्वरप्पा ने नौ फरवरी को कहा था कि ‘भगवा ध्वज’ भविष्य में कभी राष्ट्र ध्वज बन सकता है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा था कि तिरंगा अभी राष्ट्र ध्वज है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।
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