जी-20 की बैठक में महामारी से निपटने में ठोस परिणाम निकलने की उम्मीद : श्रृंगला

Harshwardhan Shringla

जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये प्रधानमंत्री मोदी के रोम रवाना होने से पहले श्रृंगला ने कहा कि जी-20 भारत के लिये दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने तथा वैश्विक आर्थिक विकास एवं सुधार के चलन एवं मानदंड तय करने का महत्वपूर्ण मंच है।

नयी दिल्ली|  विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि इटली में आसन्न जी-20 शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी से मुकाबले सहित भविष्य में पेश आने वाली ऐसी ही चुनौतियों को लेकर ‘ठोस परिणाम’ निकल सकते हैं और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा, आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

विदेश सचिव यह भी कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है और वह विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का सामना करने में मदद के लिए वित्तीय संसाधनों एवं प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की उम्मीद करता है।

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ग्लोसगो में होने वोले सीओपी-26 शिखर सम्मेलन से पहले श्रृंगला ने यह बात कही है। जी20 शिखर सम्मेलन और सीओपी-26 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रमश: रोम और ग्लासगो यात्रा को लेकर प्रेसवार्ता के दौरान विदेश सचिव ने कहा, हम अपनी एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और उससे भी बेहतर करने की अपनी राह पर हैं।

एनडीसी दीर्घकालिक लक्ष्य हैं जिसमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए प्रत्येक देश के प्रयास शामिल हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये प्रधानमंत्री मोदी के रोम रवाना होने से पहले श्रृंगला ने कहा कि जी-20 भारत के लिये दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने तथा वैश्विक आर्थिक विकास एवं सुधार के चलन एवं मानदंड तय करने का महत्वपूर्ण मंच है।

श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि भारत विकासशील देशों के आम नागरिकों तथा जी-20 में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बना रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम और ग्लासगो की यात्रा पर रहेंगे। विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री इटली के 29 से 31 अक्टूबर तक जी-20 देशों के समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने रोम (इटली) में रहेंगे और इसके बाद 26वें कांफ्रेंस आफ पार्टीज (सीओपी-26) में विश्व नेताओं के शिखर बैठक में हिस्सा लेने ब्रिटेन के ग्लासगो जायेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलेंगे तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो तथा सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत करने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठक करेंगे। श्रृंगला ने बताया कि जी-20 में कोविड महामारी तथा भविष्य में संभावित किसी महामारी के प्रबंधन पर ध्यान दिया जायेगा तथा वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा पर चर्चा की जायेगी।

उन्होंने बताया, ‘‘ जी-20 में इसके बारे में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक तंत्र स्थापित करने का भी सुझाव है। ’’

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘भविष्य में ऐसी किसी महामारी आने की स्थिति में इससे निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं गठजोड़ को बल देने के लिये जी-20 किसी ढांचे के सृजन को लेकर चर्चा कर सकता है। ’’

श्रृंगला ने बताया कि जी-20 सम्‍मेलन में महामारी से उबरने, वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मज़बूत करने, आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर चर्चा संभव है। उन्होंने कहा कि भारत, इटली द्वारा चुने गए इन सभी क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इटली के अपने समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर रोम जा रहे हैं। गौरतलब है कि जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है।


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इसके सदस्य देशों में दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक कारोबार शामिल है। इस समूह की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है। इस वर्ष समूह का मुख्य विषय ‘‘ लोग, पृथ्वी और समृद्धि’ है। उल्लेखनीय है कि सीओपी-26 बैठक 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ब्रिटेन एवं इटली की सह अध्यक्षता में हो रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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