लडकी ने प्यार में छोड़ा अपना मुल्क और रचाई गैर-मजहब शादी, लड़के ने लड़की के पिता से कहा- न धर्म बदलूंगा, ना बदलवाऊंगा

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निधि अविनाश । Jan 21 2022 2:07PM

मोरक्को की रहने वाली 24 साल की फादवा लैमाली एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है। दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए तीन साल पहले हुई। 26 साल का हिंदू लड़का अविनाश दोहरे भारत के ग्वालियर में रहता है और धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया पर गहरी होती चली गई।

कहते है जब प्यार सच्चा हो तो सामने आई कोई भी बाधा छोटी सी लगने लगती है। ऐसा ही कुछ अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम लड़की ने करके दिखाया है। केवल अपने प्यार के लिए इस लड़की ने अपने मुल्क को छोड़ दिया और 8000 किलोमीटर दूर ग्वालियर  में एक हिंदू लड़के के पास आ गई और शादी भी रचाई। इन सबके बीच सबसे खास बात यह थी कि, लड़के ने लड़की के पिता को भरोसा दिलाया कि वह कभी भी अपनी पत्नी का धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा। दोनों ही अपने संस्कृति का पूरा पालन करते हुए पति पत्नी बने रहेंगे।दोनों ने बुधवार को एडीएम कोर्ट में शादी की और उसके कुछ दिनों बाद हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे। कोरोना महमारी के कम होने के बाद दोनों एक रिसेप्शन का भी आयोजन करेंगे।

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प्यार में सबकुछ मुमकिन है 

मोरक्को की रहने वाली 24 साल की फादवा लैमाली एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है। दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए तीन साल पहले हुई। 26 साल का हिंदू लड़का अविनाश दोहरे भारत के ग्वालियर में रहता है और धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया पर गहरी होती चली गई।लेकिन प्यार में दोनों के मजहब एक कांटे की तरह चुब रही थी जिसके कारण दोनों की चिंता बढ़ गई। दोनों ने अपने परिवार वालों को अपने रिश्ते के बारे में बताया। लड़की के परिवार वाले काफी नाराज हुए, लेकिन बाद में बेटी की जिद के आगे उन्होंने इस रिश्ते को कबूल कर लिया। दोनों परिवार वाले राजी हो गए जिसके बाद फादवा ने अविनाश के साथ शादी के लिए अपने देश मोरक्को से एनओसी मांगा और मुल्क को अलविदा किया।

मजहब नहीं बनी दीवार 

फादवा और अविनाश के बीच मजहब दीवार नहीं बना और शादी का प्रस्ताव लेकर अविनाश मोरक्को पहुंचा। फादवा के पिता ने इस शादी से पहले इनकार कर दिया लेकिन दोनों ही इस शादी के लिए अड़ गए जिसके बाद लड़की के पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने का ऑफर दिया। इसके बाद अविनाश ने फादवा के पिता को साफ कहा कि, न तो  मैं अपना देश छोडूंगा और न ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा, लेकिन मैं आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा। आपकी बेटी को और अपनी परंपराए उसी तरह निभाने की आजादी भारत में होगी, जैसे वह मोरक्को में निभाती आई है। अविनाश की यह बात सुनकर लड़की के परिवार वालों को यकीन हुआ कि अविनाश उनकी बेटी के लिए एक अच्छा जीवनसाथी साबित होगा। जिसके बाद परिवारवालें शादी के लिए राजी हो गए। 

मोरक्को से अनुमति मिली, ग्वालियर में शादी रचाई

फादवा ने मोरक्को से शादी के लिए एनओसी मांगा और  कानूनी दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लड़की को मोरक्को से शादी की अनुमति मिल गई। इसके बाद ग्वालियर की SDM कोर्ट में शादी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया जिसके बाद दोनों जोड़े ने बुधवार को एडीएम कोर्ट पहुंचा जहां एडीएम एचबी शर्मा की मौजूदगी में दोनों ने शादी की।

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