राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, कमजोर तबके के लोगों को मिले शीघ्र और सस्ता न्याय

Fast justice for people who are weak, says President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि न्यायपालिका से जुड़े़ सभी लोगों को महिलाओं तथा कमजोर तबके को शीघ्र और सस्ता न्याय दिलाने की दिशा में काम करना चाहिए।

कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि न्यायपालिका से जुड़े़ सभी लोगों को महिलाओं तथा कमजोर तबके को शीघ्र और सस्ता न्याय दिलाने की दिशा में काम करना चाहिए। कोविंद ने कानपुर में बार एसोशिएशन के ऑडिटोरियम का शिलान्यास करते हुए कहा कि वकालत एक बहुत ही अच्छा पेशा है। इसे जीविकोपार्जन का साधन नहीं बनाना चाहिए। वकालत से जुड़े लोगों को समाज के हित में योगदान का मौका मिलता है।

उन्होंने वकीलों को न्यायालय का मित्र बताते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वकीलों ने समाज और देश को नेतृत्व प्रदान किया था। कोविंद ने कहा कि आधुनिक भारत के इतिहास में भी वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और इन्होने समाज सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि एक अधिवक्ता के रूप में उन्होंने गरीब लोगों के न्याय व्यवस्था से जुड़े संघर्ष को बहुत करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति भरोसा होने के बावजूद गरीब आदमी न्यायालय की चौखट पर जाने से बचता है।

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलने की आवश्यकता है और यह बदलाव लाना हम सब की जिम्मेदारी है। न्याय प्रक्रिया में शीघ्रता लाने पर ज़ोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जहां तक हो सके तारीखें नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में निचली अदालतों से लेकर उच्चतम न्यायालय तक इस समय तीन करोड़ से भी ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें से छह लाख ऐसे मामले हैं जो 10 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि वैकल्पिक न्याय प्रणाली को मजबूत बनाने से सामान्य नागरिकों को फायदा होता है।

उन्होंने कहा कि जब कोई पहली बार बिना किसी पृष्ठभूमि के इस पेशे में आता है तो उसे शुरूआती दौर में कठिन संघर्ष करना होता है। ऐसे वकीलों की मदद के लिए एसोशिएशन क्या कर सकती है, इस पर विचार होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजिटल और भौतिक ढांचे को मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने लिंब्स (लीगल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम) जैसी पहल की है। 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश में ई-अदालतें शुरू की गई हैं। न्याय व्यवस्था को और कारगर बनाने के लिए बार एसोशिएशन को वकीलों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। इससे पहले राष्ट्रपति ने कानपुर बार एसोशिएशन के ऑडिटोरियम का शिलान्यास किया।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


अन्य न्यूज़