कृषि कानूनों के विरोध की लड़ाई केवल किसानों की नहीं, बल्कि पूरे देश की है: राहुल गांधी

मोगा जिले से रविवार को शुरू हुई “खेती बचाओ” यात्रा के समापन पर यहां एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि अगर इन कानूनों को लागू कर दिया गया तो किसान और मजदूर कुछ कारपोरेट घरानों के “गुलाम” बनकर रह जाएंगे।
सभा में बहुत सारे किसान अपने ट्रैक्टर लेकर आए थे। गांधी ने कहा, “यह कार्रवाई करने का समय है। यदि आप छह महीने या साल भर रुक गए तो कोई फायदा नहीं होगा।” पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नुकसान केवल किसानों, खेतिहर मजदूरों और छोटे व्यापारियों का ही नहीं बल्कि देश का है। गांधी ने कहा कि नए कानून लागू होने से अगर किसान प्रभावित हुए तो भारत की खाद्य सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर यह होता है तो पूरा देश पुनः गुलाम बन जाएगा।” उन्होंने कहा, “यह लड़ाई केवल किसानों और मजदूरों की नहीं बल्कि पूरे भारत की है।” उन्होंने किसानों से कहा कि कारपोरेट कंपनियां नियम बनाएंगी और जिस मूल्य पर खरीदना चाहेंगी वह किसानों को मानना होगा।If these laws are implemented then the farmers of India will become slaves of Ambani and Adani. In one or two years, your land will not be yours, it will be theirs: Shri @RahulGandhi #किसान_न्याय_यात्रा pic.twitter.com/yuBce50Vxv
— Congress (@INCIndia) October 6, 2020
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केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए गांधी ने कहा कि छह साल में सरकार ने गरीबों, कमजोर वर्ग के लोगों, किसानों और छोटे दुकानदारों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, “छह साल तक, उन्होंने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जो कुछ भी किया वह अमीर वर्ग के लिए किया।” गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अमीर उद्योगपतियों के साढ़े तीन लाख करोड़ के ऋण माफ कर दिए लेकिन किसानों को कुछ नहीं दिया।
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