China New Map | एशिया में अलग-थलग पड़ा चीन! चार देशों ने नये नक्शे को किया खारिज, भारत के साथ आये फिलीपीन, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान

China New Map Controversy
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रेनू तिवारी । Sep 1 2023 11:12AM

भारत ने कहा था कि इस तरह के कदम सीमा विवाद के समाधान को केवल जटिल बनाते हैं। विदेश मंत्रालय ने भी चीन के दावों को आधारहीन करार देते हुये खारिज कर दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।’’

बीजिंग। भारत के साथ-साथ फिलीपीन, मलेशिया, वियतनाम और ताइवान की सरकारों ने बृहस्पतिवार को चीन के नए राष्ट्रीय मानचित्र को खारिज कर दिया और कड़े शब्दों में बयान जारी कर आरोप लगाया कि बीजिंग उनके क्षेत्रों पर अपना दावा कर रहा है। चीन ने सोमवार को अपने राष्ट्रीय मानचित्र का एक नया संस्करण प्रकाशित किया, जिसे इसने अतीत में ‘समस्यात्मक मानचित्र’ के रूप में संदर्भित किया था। भारत ने मंगलवार को चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा किया गया है। सरकारी समाचार वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, वियतनाम ने कहा कि इस सप्ताह जारी किया गया चीन का आधिकारिक नक्शा स्प्रैटली और पारासेल द्वीपों पर उसकी संप्रभुता और उसके जल क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है।

वियतनाम के विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग के हवाले से बयान में कहा गया है कि मानचित्र पर नौ-बिंदु रेखा के आधार पर चीन की संप्रभुता और समुद्री दावे "अमान्य" हैं। हैंग ने बयान में कहा, वियतनाम "बिंदीदार रेखा के आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी दावों का दृढ़ता से विरोध करता है।" दूसरे देशों ने भी इस नक्शे को खारिज कर दिया है। भारत ने मंगलवार को मानचित्र के उस हिस्से पर आपत्ति जताई जिसमें अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को चीन के नियंत्रण में दिखाया गया है। वहीं फिलीपींस ने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावों को मान्यता नहीं देता है। मलेशिया और ताइवान की सरकारों ने भी बीजिंग पर उनके क्षेत्र पर दावा करने का आरोप लगाते हुए कड़े शब्दों में बयान जारी किए हैं।

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 4 एशियाई देशों ने नए चीन मानचित्र को अस्वीकृति किया

भारत ने कहा था कि इस तरह के कदम सीमा विवाद के समाधान को केवल जटिल बनाते हैं। विदेश मंत्रालय ने भी चीन के दावों को आधारहीन करार देते हुये खारिज कर दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।’’ फिलीपीन सरकार ने बृहस्पतिवार को चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 संस्करण की आलोचना की। चीनी प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने 28 अगस्त को विवादास्पद मानचित्र जारी किया जो दक्षिण चीन सागर में कथित तौर पर चीन की सीमाओं को दर्शाता है।

फिलीपीन के विदेश मामलों की प्रवक्ता मा तेरेसिता दाजा ने एक बयान में कहा, ‘‘... समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने के इस नवीनतम प्रयास का अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से 1982 की समुद्र कानून संबंधी संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनसीएलओएस) के तहत कोई आधार नहीं है।’’ दाजा ने कहा कि 2016 के ‘‘आर्बिट्रल अवार्ड’’ ने पहले ही सीमांकन को अमान्य कर दिया है और चीन से यूएनसीएलओएस के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया है।

मनीला ने पहले ही 2013 में चीन के राष्ट्रीय मानचित्र के प्रकाशन का विरोध किया था, जिसमें कलायान द्वीप समूह या स्प्रैटलीज़ के कुछ हिस्सों को चीन की ‘राष्ट्रीय सीमा’ के भीतर रखा गया था। मलेशियाई सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों पर एक विरोध नोट भेजेगी, जैसा कि ‘चीन मानक मानचित्र संस्करण 2023’ में उल्लिखित है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि चीन के मानक मानचित्र के ताजा संस्करण में बताया गया है और उसमें मलेशिया के समुद्री क्षेत्र को भी शामिल किया गया है।

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चीन के उकसावे वाली इस ताजा कार्रवाई की वियतनाम ने भी आलोचना की है वियतनामी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग ने कहा कि वियतनाम होआंग सा (पैरासेल) और ट्रूओंग सा (स्प्रैटली) द्वीपों पर अपनी संप्रभुता को दृढ़ता से दोहराता है, और चीन के किसी भी समुद्री दावे को दृढ़ता से खारिज करता है। उधर, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी चीन के नए ‘मानक मानचित्र’ की आलोचना करते हुए कहा कि ताइवान पर कभी भी चीन का शासन नहीं रहा है। इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया कि वह मानचित्र मुद्दे पर पीछे नहीं हट रहा है।

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