यौन अपराधों को लेकर सरकार सख्त, पॉक्सो कानून में संशोधन को मंजूरी
प्रसाद ने कहा कि यह एक संपूर्ण कोशिश है जिसमें पॉक्सो अधिनियम की पूरी संरचना को न केवल मजबूत किया गया है बल्कि इसका विस्तार भी किया गया है ताकि बच्चों से उनकी बाल्यावस्था छीनने के लिए दवाइयों या हार्मोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सके।
नयी दिल्ली। सरकार ने पॉक्सो कानून में संशोधन की मंजूरी दी है साथ ही, बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों में दंड को और भी कठोर बनाने के लिए सख्त उपाय किए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण होना चाहिए और मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे अपनी मंजूरी दी।
Union Law Minister, Ravi Shankar Prasad: Cabinet has approved death penalty in aggravated sexual offences under the Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act. pic.twitter.com/E1JB8xCOOq
— ANI (@ANI) December 28, 2018
प्रसाद ने कहा कि यह एक संपूर्ण कोशिश है जिसमें पॉक्सो अधिनियम की पूरी संरचना को न केवल मजबूत किया गया है बल्कि इसका विस्तार भी किया गया है ताकि बच्चों से उनकी बाल्यावस्था छीनने के लिए दवाइयों या हार्मोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सके। मंत्री ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम की संबद्ध धारा - नौ को और अधिक सख्त बनाया गया है।
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बाल पोर्नोग्राफी की बुराई से निपटने के लिए पोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा – 14 और धारा-15 में भी संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। बच्चों से संबद्ध पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्ट नहीं करने/डिलीट नहीं करने पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें व्यापारिक उद्देश्य के लिए किसी बच्चे की किसी भी रूप में पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण करने या उस सामग्री को अपने पास रखने के लिए दंड के प्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है।
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