India Semicon Mission | सेमीकंडक्टर मिशन का अगला चरण! PM मोदी बोले- चिप्स हैं 'डिजिटल हीरे', अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई उड़ान

 India Semicon Mission
ANI
रेनू तिवारी । Sep 2 2025 12:05PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत सेमीकंडक्टर मिशन और उसको तैयार करने से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना के अगले चरण पर काम कर रही है। सेमीकॉन इंडिया 2025 के उद्घाटन के अवसर पर मोदी ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे का आधार महत्वपूर्ण खनिज हैं।

भारत एक दशक से भी ज़्यादा समय से वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री मोदी को पहली "मेड इन इंडिया" सेमीकंडक्टर चिप भेंट की। टेक समिट को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है, दुनिया भारत में सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।"

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार भारत सेमीकंडक्टर मिशन और उसको तैयार करने से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना के अगले चरण पर काम कर रही है। सेमीकॉन इंडिया 2025 के उद्घाटन के अवसर पर मोदी ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे का आधार महत्वपूर्ण खनिज हैं। देश ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है और दुर्लभ खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

उन्होंने आगे कहा कि जब दूसरे देश चुनौतियों का सामना कर रहे थे, तब भारत ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 7.8% की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जो सभी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेज़ी से प्रगति करने के लिए आश्वस्त है।" उन्होंने कहा, "तेल काला सोना हो सकता है, लेकिन चिप्स डिजिटल हीरे हैं।"

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ हम भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अगले चरण पर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत में बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ सरकार नई डीएलआई (डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव) योजना को आकार देने जा रही है।

सेमीकंडक्टर क्यों महत्वपूर्ण हैं

सेमीकंडक्टर स्मार्टफोन और चिकित्सा उपकरणों से लेकर रक्षा प्रणालियों और अंतरिक्ष यान तक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण खंड हैं। कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान वैश्विक चिप की कमी ने कुछ ही देशों के प्रभुत्व वाली आपूर्ति श्रृंखलाओं की भेद्यता को उजागर किया। जैसे-जैसे एआई, स्वचालन और स्मार्ट उपकरणों की मांग बढ़ रही है, सेमीकंडक्टर अब केवल एक तकनीकी उत्पाद नहीं रह गए हैं, बल्कि वे *आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का विषय बन गए हैं।

2021 से भारत की तीव्र प्रगति

भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत के बाद से, देश ने कई बड़ी प्रगति की है।

₹76,000 करोड़ की पीएलआई योजना में से ₹65,000 करोड़ पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं।

छह राज्यों में दस प्रमुख सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

गुजरात के साणंद में शुरू की गई एंड-टू-एंड ओएसएटी सुविधा से जल्द ही पहली "मेड इन इंडिया" चिप मिलने की उम्मीद है।

डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत 23 से अधिक चिप डिज़ाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

कार्यबल और कौशल विकास

भारत प्रतिभा निर्माण पर ज़ोर दे रहा है

छात्रों और युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक कार्यबल विकास मंडप

सेमी विश्वविद्यालय चिप डिज़ाइन, निर्माण, सुरक्षा और तकनीकी रुझानों में 800 से ज़्यादा ऑन-डिमांड पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

कार्यक्रमों का लक्ष्य 2030 तक 10 लाख नए कुशल श्रमिकों को तैयार करना है।

स्थायित्व और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित।

स्थायी और लचीले तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के बढ़ते दबाव के साथ, भारत की चिप रणनीति इन पर भी ज़ोर देती है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़