सरकार पुलिसकर्मियों के लिए काम का अच्छा माहौल सुनिश्चित करेगी: अमित शाह

मंत्री ने कहा कि प्रति एक लाख नागरिकों के लिए 222 कर्मियों के न्यूनतम मानदंड की तुलना में मात्र 144 कर्मी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि करीब 90 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को हर रोज 12 घंटे से भी अधिक समय तक काम करना पड़ता है और उनमें से तीन चौथाई कर्मी साप्ताहिक अवकाश भी नहीं ले पाते।
नयी दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित समय सीमा में कदम उठाएगी कि पुलिसकर्मियों को काम का अच्छा माहौल मुहैया कराया जाए और उनकी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी चिंताओं को दूर किया जाए। शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद पुलिस एवं अर्द्धसैन्य बलों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि देश की समर्पण भाव से सेवा करने वाले खाकी वर्दी पहने पुरुष एवं महिलाएं ही विश्व के एक शक्तिशाली देश के रूप में भारत की छलांग को सुनिश्चित करते हैं। मंत्री ने कहा कि प्रति एक लाख नागरिकों के लिए 222 कर्मियों के न्यूनतम मानदंड की तुलना में मात्र 144 कर्मी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि करीब 90 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को हर रोज 12 घंटे से भी अधिक समय तक काम करना पड़ता है और उनमें से तीन चौथाई कर्मी साप्ताहिक अवकाश भी नहीं ले पाते।
LIVE: HM Shri @AmitShah addresses Police Commemoration Day Parade at National Police Memorial, New Delhi. https://t.co/QwHhoSsbCU
— BJP (@BJP4India) October 21, 2019
शाह ने पुलिस स्मृति दिवस पर बलों से कहा, ‘‘मेरी सरकार ने पुलिस के कल्याण के लिए काफी काम किया है और मैं भरोसा दिला सकता हूं कि हम और काम करना जारी रखेंगे, आपके लिए निर्धारित समय सीमा में स्वास्थ्य, आवास, परिवार कल्याण और काम का अच्छा माहौल सुनिश्चित करने के लिए और कदम उठाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह और देश के नागरिक पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर कर्तव्य के पालन के लिए जीवन का बलिदान देने वालों और उनके परिवार को विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं। शाह ने कहा, ‘‘जब हम पुलिस को सामान्य तरीके से काम करते देखते हैं, तो यह सामान्य दिखता है लेकिन हम जब नजरिया बदलते हैं तो समझ आता है कि हमारा देश जो विकास कर रहा है वह इन पुलिसकर्मियों के समर्पण और उनकी मौन सेवा के कारण है।’’ उन्होंने बताया कि आतंकवादियों से लेकर उग्रवादियों एवं नक्सलियों से निपटना और सड़क पर यातायात नियंत्रित करना, यह सब पुलिसकर्मी करते हैं।
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ताजा आंकड़ों के अनुसार स्वतंत्रता के बाद से 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की जान गई है और पिछले एक साल में (सितंबर 2018 से इस साल अगस्त तक) 292 कर्मियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है या ड्यूटी के दौरान अप्राकृतिक कारणों से उनकी मौत हुई है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और अन्य केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान शाह ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की एक नई वेबसाइट का लोकार्पण किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीकरण के बाद राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का पिछले साल इसी दिन उद्घाटन किया था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित इस स्मारक में एक नया संग्रहालय भी बनाया गया है। लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में 1959 में चीन सेना द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों के सम्मान में यह दिवस आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर उन सुरक्षा कर्मियों को याद किया जाता है जिन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दी।
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