सरकारी नौकरी नहीं लगने पर अतिथि शिक्षिका ने की आत्महत्या, नहीं मिलता था पूरा वेतन
अतिथि शिक्षक की आत्महत्या के बाद संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के महेश भूरिया ने शासन को आड़े हाथों लिया है। आरोप लगाया कि शासन से अल्प कम मानदेय में काम मिल रहा है। इससे परिवार के पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। इससे अतिथि शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान अतिथि शिक्षिका ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या की। अतिथि शिक्षिका केला बाई ने अपने घर और स्कूल के बीच में स्थित खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। मृतिका पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी।
वहीं परिजनों ने कहा कि बेटी सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान रहती थी। इसके साथ ही जिस स्कूल में पढ़ाती थी, वहां भी पूरा वेतन नहीं नहीं मिल रहा था। इससे आर्थिक परेशानी का सामने भी करना पड़ रहा था। डिप्रेशन में आकर उसने ये घाटक कदम उठा लिया।
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परिजनों ने कहा कि युवती केलाबाई पिता समरिया भयडिया अतिथि शिक्षक वर्ग- 3 के रूप में गांव के ही पटेल फलिया में प्राथमिक विद्यालय में सेवा दे रही थी। युवती पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी।
अलीराजपुर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की इसके बाद नौकरी की तलाश कर रही थी। इसी बीच गांव के प्राथमिक विद्यालय में अतिथि शिक्षक के रूप वर्ग 3 में चयन हो गया। नियमानुसार ₹5000 मानदेय मिलना चाहिए था। लेकिन कभी पूरा मानदेय नहीं मिला।
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अतिथि शिक्षक की आत्महत्या के बाद संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के महेश भूरिया ने शासन को आड़े हाथों लिया है। आरोप लगाया कि शासन से अल्प कम मानदेय में काम मिल रहा है। इससे परिवार के पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। इससे अतिथि शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। शासन उनके भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है।
वहीं संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर का वेतन दिसंबर में मिला है। वह भी पूरा नहीं है। दिसंबर और जनवरी का वेतन अब तक नहीं मिला है। इसी कारण अतिथि शिक्षक आर्थिक तंगी से परेशान होते हैं।
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