NIA ने गौतम नवलखा को मुंबई ले जाने में की जल्दबाजी: दिल्ली हाई कोर्ट

Gautam Navlakha

अदालत ने 22 मई को एनआईए से 67 वर्षीय नवलखा की याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसे समय में जबकि पूरा देश कोरोना वायरस के खतरे का सामना कर रहा है, वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका लंबित होने के बावजूद भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा को जल्दबाजी में राष्ट्रीय राजधानी से मुंबई ले जाने को लेकर एनआईए की खिंचाई की। न्यायमूर्ति अनूप जे. भम्भानी ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यहां तिहाड़ जेल में बंद नवलखा को मुंबई ले जाने में काफी जल्दबाजी की। नवलखा के खिलाफ मुंबई में भी आरोपों की जांच लंबित है। हालांकि, अदालत ने यह आदेश बुधवार को ही दिया था, लेकिन अदालत की वेबसाइट पर यह बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुआ। नवलखा को ट्रेन से 26 मई को मुंबई ले जाया गया था। 

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अदालत ने कहा, ‘‘यह अदालत इस मामले में ज्यादा जल्दबाजी का कोई कारण नहीं देख रही है, एनआईए आवेदक को दिल्ली से मुंबई ले जाने में जो जल्दबाजी दिखाई, उससे अदालत को लगता है कि वर्तमान कार्यवाही में अगर जल्दबाजी नहीं दिखाई गई तो इस न्यायिक अधिकार क्षेत्र में सभी कार्यवाहियां बिल्कुल निष्फल हो जाएंगी। यह मामला लंबित है और एनआईए ने खुद ही स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए वक्त मांगा था।’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि पिछली सुनवाई की तारीख पर इसने अंतरिम जमानत याचिका के जवाब में स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए एनआईए को पर्याप्त वक्त दिया था और एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया था।

दालत ने 22 मई को एनआईए से 67 वर्षीय नवलखा की याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसे समय में जबकि पूरा देश कोरोना वायरस के खतरे का सामना कर रहा है, वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। याचिका में कहा गया था कि उनकी आयु के मद्देनजर उनके इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, खास तौर से भीड़भाड़ वाली जेल में। सुनवाई के दौरान नवलखा की तरफ से पेश हुई वकील नित्या रामाकृष्णन ने अदालत से कहा कि अंतरिम जमानत याचिका लंबित है, एनआईए ने 23 मई को विशेष न्यायाधीश (एनआईए), दिल्ली से आग्रह किया था कि उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 22 जून तक बढ़ा दी जाए और 24 जून को एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश (एनआईए), मुंबई के सामने आवेदन दायर कर उनको पेश करने की मांग की। 

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उन्होंने कहा कि विशेष न्यायाधीश (एनआईए), मुंबई के समक्ष पेश करने के लिए वारंट जारी किए गए और 25 मई को ईद की सरकारी छुट्टी होने के बावजूद तिहाड़ जेल अधीक्षक के समक्ष आवेदन देकर नवलखा को दिल्ली से मुंबई ले जाने के लिए ट्रांजिट ऑर्डर की मांग की गई। उन्होंने कहा कि विशेष न्यायाधीश (एनआईए), दिल्ली ने उनके आग्रह को मंजूर कर लिया, जिसके बाद नवलखा को 26 मई को रेलगाड़ी से मुंबई ले जाया गया, जहां वह तलोजा जेल में बंद हैं। वकील ने कहा कि एनआई ने विशेष न्यायाधीश (एनआईए), मुंबई या विशेष न्यायाधीश (एनआईए), दिल्ली के समक्ष जमानत याचिका लंबित होने की जानकारी नहीं दी। नवलखा को अगस्त 2018 में पुणे पुलिस ने उनके दिल्ली आवास से गिरफ्तार किया था। एक जनवरी 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी ट्रांजिट रिमांड के आदेश को रद्द कर दिया था।

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