उत्तरी बंगाल में भारी बारिश: भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़, गंगटोक को जोड़ने वाली सड़क बंद

Heavy rains in North Bengal

अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान पहाड़ी इलाकों में गए सैकड़ों पर्यटक अपने अगले गंतव्यों पर जाने या घर लौटने के लिए रेलवे स्टेशन या बागडोगरा हवाई अड्डे तक पहुंचने में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से मुश्किल का सामना कर रहे हैं।

गंगटोक/कोलकाता। हिमालयी राज्य सिक्किम और उत्तरी बंगाल के चाय उत्पादन क्षेत्र में भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 सहित कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ जिससे गंगटोक का देश के अन्य हिस्सों से सड़क संपर्क टूट गया है। उत्तरी बंगाल में भारी बारिश से बुधवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी जिलों में बारिश की वजह से भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिससे सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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अधिकारियों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान पहाड़ी इलाकों में गए सैकड़ों पर्यटक अपने अगले गंतव्यों पर जाने या घर लौटने के लिए रेलवे स्टेशन या बागडोगरा हवाई अड्डे तक पहुंचने में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से मुश्किल का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश की वजह से सेना और गैर सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 पर भी भूस्खलन हुआ है। जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में राजमार्ग के 29वें मील पत्थर के पास भूस्खलन हुआ है जो हिमालयी राज्य की रंगपो सीमा से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन की दूसरी घटना यहां पनी हाउस के पास हुई जिससे वाहनों की आवाजाही बााधित हुई।

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उन्होंने बताया कि सड़क पर मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है ताकि आंशिक रूप से सड़क खोली जा सके। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिन से तीस्ता नदी का बहाव तेज है और इसकी वजह से सिक्किम के प्रवेश द्वार रंगपो स्थित इस्पात के पुल का एक खंभा क्षतिग्रस्त हो गया है, कई स्थानों पर नदी, तटबंध बहाकर ले गई है। स्थानीय पुलिस इसके मद्देनजर पुल से वाहनों की आवाजाही को रोक रही है। राज्य में लगातार जारी बारिश के मद्देनजर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग जिले के महानदी इलाके में भूस्खलन की एक और घटना हुई है जिससे अहम कुरसियांग को सुकना से जोड़ने वाली सड़क बाधित हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि लगातार जारी बारिश की वजह से बंगाल के गजोलडोबा तीस्ता बैराज से 3,800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे जलपाईगुड़ी के कई निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

उन्होंने बताया कि तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई है और सिलिगुड़ी को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10, तीस्ता बाजार इलाके में जलमग्न हो गया है जिसकी वजह से यातायात में समस्या आ रही है। मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और अलीपुरदुआर जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए बृहस्पतिवार की सुबह तक तीनों जिलों में एक दो स्थानों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि कलिम्पोंग जिले में भूस्खलन की वजह से सड़क संपर्क टूट गया है और कलिम्पोंग कस्बे से पेडोंग, लावा और अलगारा सहित कई बस्तियों को जोड़ने वाली सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग जिले में सिलिगुड़ी शहर के बाहरी इलाके के मैत्रीगारा में बालसोन नदी पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। सिलिगुड़ी के पुलिस आयुक्त गौरव शर्मा ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की वजह से चारपहिया वाहनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है जबकि दुपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों को पुल से जाने की अनुमति दी जा रही है।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि मार्ग परिवर्तन के चलते वे लंबे रास्ते से जाने की योजना बनाएं।’’ उन्होंने बताया कि जलपाईगुड़ी जिले के कई निचले इलाके तीस्ता और जलढाका नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और इन इलाकों में बसे लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में दार्जिलिंग में 233.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो राज्य में सबसे अधिक है। इसके अलावा इस अवधि में कलिम्पोंग में 199 मिमी, जलपाईगुड़ी में 151 मिमी और कूच बिहार में 60.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

भारी बारिश की वजह से तोरसा सहित इलाके की कुछ अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। मौसम विभाग ने बताया कि उप हिमालयी क्षेत्र में बृहस्पतिवार को सुबह तक मौसम खराब रहेगा। विभाग ने बताया कि पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में मौसम में बुधवार को अपेक्षाकृत सुधार हुआ जहां पर कम दबाव के क्षेत्र की वजह से 17 अक्टूबर से ही बारिश हो रही थी। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि बुधवार को दिन में एक-दो स्थानों पर आंधी, बिजली की चमक तथा बादलों की गरज के साथ बारिश हो सकती है। वहीं, बृहस्पतिवार से राज्य के दक्षिणी इलाकों में शुष्क मौसम रहेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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