हाइकोर्ट ने घरेलू हिंसा को लेकर सुनाई सजा, पत्नी को पीटने वाले पति को बनकर रहना होगा घरजमाई

Gwalior highcourt bench
सुयश भट्ट । Feb 28 2022 11:20AM

गणेश रजक की पत्नी गीता रजक ने अपने 2 साल के बच्चे की कस्टडी के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। गीता ने ससुराल वालों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके बेटे को जबरण घर में रखा है। और उसे घर से निकाल दिया।

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महिला अपराध मामले को लेकर एक अजीबोगरीब आदेश दिया है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने घरेलू हिंसा के मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी को घर जमाई बनकर रहने की सजा दी है।

दरअसल मुरैना में रहने वाले गणेश रजक की पत्नी गीता रजक ने अपने 2 साल के बच्चे की कस्टडी के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। गीता ने ससुराल वालों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके बेटे को जबरण घर में रखा है। और उसे घर से निकाल दिया। गीता ने अपने पति के खिलाफ मारपीट करने और ससुराल वालों पर दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया था।

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वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह पत्नी के साथ रहना चाहता है और गीता खुद ही उसे छोड़कर मायके चली गई। मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पति को निर्देश दिया कि वह अपने बेटे को लेकर पत्नी के पास जाए और एक महीने तक घर जमाई बनकर ससुराल में रहे। एक महीने बाद इस मामले की अगली सुनवाई करेंगे।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने गीता के परिजनों को भी दामाद के साथ बेहतर बर्ताव करने की हिदायत दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि दामाद की अच्छे से खातिरदारी करो, बेटी का घर टूटने से बच जाएगा। बाप-बेटे बिछुड़ने से बच जाएंगे, नहीं तो बेटी, दामाद और 2 साल के बच्चे का जीवन खराब हो जाएगा।

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