अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो भाजपा के खिलाफ अभियान चलाएंगे : मजदूर संगठन

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वर्तमान में विभिन्न राज्यों में मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 221 रुपये से 357 रुपये के बीच है। संगठनों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रचार करेंगे।

पश्चिम बंगाल के मनरेगा श्रमिकों के लिए धन राशि कथित तौर पर जारी नहीं किए जाने को लेकर कई श्रमिक संगठनों ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आशंका व्यक्त की कि अन्य राज्यों में भी इसी तरह के प्रयास किए जा सकते हैं।

केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य में अनियमितताओं के कारण मनरेगा श्रमिकों की धनराशि रोक दी गई है। ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा जारी राशि में ‘गड़बड़ी’ की है।

सिंह ने कहा कि केंद्र इस संबंध में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश देने पर विचार कर रहा है। नेशनल नरेगा कन्वेंशन के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मांग की कि मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर कम से कम 800 रुपये प्रतिदिन की जाए तथा प्रतिवर्ष कार्य दिवसों की गारंटी 100 दिनों से बढ़ाकर 200 दिन की जाए।

वर्तमान में विभिन्न राज्यों में मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 221 रुपये से 357 रुपये के बीच है। संगठनों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रचार करेंगे।

पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति की अनुराधा तलवार ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्षों में कोई बकाया भुगतान नहीं किया है। तलवार ने कहा, हमें लगता है कि यह एक प्रयोग है। वे अंततः अन्य राज्यों के लिए भी धनराशि रोक देंगे।

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