दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण पड़ाव– एम.ए. के पहले बैच ने पूरा किया शोधकार्य

Delhi Teachers University
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पिछले तीन वर्षों की शैक्षिक यात्रा में विश्वविद्यालय ने न केवल शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए अपितु शिक्षा में शोध, नवाचार और समाज से जुड़ाव के उच्च आदर्शों को भविष्य के शिक्षकों की शिक्षा और प्रशिक्षण में विशेष रूप से सम्मिलित किया।

दिल्ली। दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के इतिहास में शुक्रवार का दिन मील का पत्थर बना। छात्रों और शिक्षकों के लिए यह दिन केवल उनकी शैक्षणिक उपलब्धि की दृष्टि से ही नहीं अपितु सामाजिक जुड़ाव की सुखद परिणति के रूप में भी उल्लेखनीय रहा। पिछले तीन वर्षों की शैक्षिक यात्रा में विश्वविद्यालय ने न केवल शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए अपितु शिक्षा में शोध, नवाचार और समाज से जुड़ाव के उच्च आदर्शों को भविष्य के शिक्षकों की शिक्षा और प्रशिक्षण में विशेष रूप से सम्मिलित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनु सिंह लाठर ने छात्रों की मौखिक परीक्षा के सफलतापूर्वक संपन्न होने के दिन को छात्रों के लिए केवल डिग्री पूरी करने का दिन नहीं अपितु शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने वाले शोध की दिशा में पहले कदम के उत्सव का दिन बताया।  

विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पहले बैच का सफलतापूर्वक अपनी शैक्षिक यात्रा का पूरा करना इस बात का परिचायक है कि प्रेरणा, संकल्प और परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ संजीव राय ने कहा कि एम.ए. के इस प्रथम बैच ने इस विश्वविद्यालय में आगे के वर्षों में आने वाले छात्रों के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है। निश्चित रूप से यह विश्वविद्यालय के लिए यह गौरवपूर्ण दिवस है।  

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों डॉ सरोज मलिक, डॉ राजेश प्रसाद सिंह, डॉ अनुराग कुमार मिश्र, डॉ जयशंकर शुक्ल, डॉ बिनोद कुमार, डॉ नसरुद्दीन एवं उपस्थित अधिकारियों ने इन छात्रों के साथ के अपने अनुभव साझा किए। छात्रों की ओर से सना, कुलसुम और अजीत कुमार सुमन ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया।

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