यूपी की सभी तहसीलों में 28 अगस्त को कृषि कानूनों के खिलाफ रालोद का धरना-प्रदर्शन

किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय लोकदल 28 अगस्त को उत्तर प्रदेश की सभी तहसीलों में धरना-प्रदर्शन करेगी। पार्टी नेतृत्व ने इसके लिए तहसीलवार पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रत्येक तहसील पर आंदोलन सफल बनाने के लिए 20 से 30 प्रमुख लोगों की ड्यूटी लगाई गई है।
मेरठ,किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय लोकदल 28 अगस्त को उत्तर प्रदेश की सभी तहसीलों में धरना-प्रदर्शन करेगी। पार्टी नेतृत्व ने इसके लिए तहसीलवार पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रत्येक तहसील पर आंदोलन सफल बनाने के लिए 20 से 30 प्रमुख लोगों की ड्यूटी लगाई गई है।
मंगलवार को गंगानगर स्तिथ एक रेस्टोरेंट में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ की बैठक में राष्ट्रीय लोकदल के वेस्ट यूपी अध्यक्ष चौधरी यशवीर सिंह ने बताया कि तीन कृषि कानूनों, गन्ने का बकाया भुगतान, तेल पदार्थों की बढ़ती कीमतों के खिलाफ 28 अगस्त को तहसील स्तर पर कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन करेंगे।
रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुनील रोहटा ने बताया कि मेरठ में सदर, सरधना, मवाना तहसील पर होने वाले धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए 80 प्रमुख पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। इसमें पूर्व विधायक और वर्तमान पदाधिकारी शामिल हैं।इसी तर्ज पर गाजियाबाद,मोदीनगर और लोनी तहसील में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
रालोद की प्रमुख मांगें है
:-गन्ने का बकाया भुगतान मय ब्याज अविलंब कराया जाए। भुगतान न होने तक सभी तरह की देनदारियों पर रोक लगाई जाए।
:-किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करके सरकार द्वारा गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित किया जाए।
:-किसानों को मनचाही चीनी मिल पर गन्ना सप्लाई करने की छूट दी जाए।
:-गन्ने की ढुलाई का भाड़ा खत्म किया जाए।
:-किसानों के बिजली के बिल कम किए जाएं। ट्यूबवैल के लिए बिजली फ्री दी जाए।
:-किसानों के लिए डीजल पर सब्सिडी दी जाए।
:-खाद व अन्य कृषि यंत्रों के दाम घटाए जाएं
:-आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए व्यवहारिक प्रबंधन किए जाएं।
:-सरकारी मंडी के अंदर और निजी व्यापार में भी एमएसपी के आधार पर खरीद हो।
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