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LAC पर तनाव घटाने के लिए भारत-चीन तैयार, सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पऱ हुई बात
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 21:19
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भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि इस तनातनी को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के करीब एक लाख सैनिक तैनात हैं। क्षेत्र में दोनों पक्षों की लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी है।
नयी दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को हटाने को लेकर नौवें दौर में करीब 16 घंटे तक विस्तृत वार्ता हुई। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता रविवार सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई और यह सोमवार तड़के करीब ढाई बजे खत्म हुई। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो में यह बैठक हुई। बातचीत के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘‘सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई।’’ सूत्रों के मुताबिक, भारत ने जोर दिया कि क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन पर है। भारत लगातार कहता रहा है कि तनाव कम करने की प्रक्रिया टकराव वाले सभी स्थानों पर एक साथ शुरू होनी चाहिए और हमें चुनिंदा रूख स्वीकार्य नहीं है। वार्ता समाप्त होने के कुछ घंटे बाद यह बात सामने आई कि पूर्वी सिक्किम के ऊंचाई वाले स्थान नाकू-ला में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 20 जनवरी को संघर्ष हुआ था। भारतीय सेना ने सोमवार को इस घटना को ‘‘मामूली झड़प’’बताया।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि इस तनातनी को निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के करीब एक लाख सैनिक तैनात हैं। क्षेत्र में दोनों पक्षों की लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी है। इस बीच, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर भी सौहार्दपूण समाधान के लिए वार्ता चल रही है। पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में करीब 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। रविवार को हुई बातचीत से करीब दो सप्ताह पहले भारत ने एक चीनी सैनिक को चीन को सौंप दिया था। इस चीनी सैनिक को पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो के दक्षिण तट वाले इलाके में पकड़ा गया था। पता चला है कि भारत के इस कदम से सकारात्मक माहौल बना है। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया। सैन्य वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है। दोनों सेनाओं के बीच यह टकराव पिछले वर्ष पांच मई को शुरु हुआ था। दोनों पक्षों के बीच आठवें दौर की वार्ता छह नवंबर को हुई थी जिस दौरान दोनों सेनाओं ने गतिरोध वाले कुछ खास बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर व्यापक चर्चा की थी। कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।Indian and Chinese armies agree to hold 10th round of Corps Commander meeting at early date to jointly advance de-escalation: Joint statement
— Press Trust of India (@PTI_News) January 25, 2021
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पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचे के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। छठे दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के उनके समकक्ष वांग यी के बीच पिछले वर्ष 10 सितंबर को संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर मॉस्को में हुई बैठक के दौरान पांच बिंदुओं पर बनी सहमति को लागू करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए इस दौर की वार्ता हुई है। समझौते में सैनिकों को तेजी से पीछे हटाना, तनाव बढ़ सकने वाली कार्रवाइयों से बचना, सीमा प्रबंधन के सभी समझौते एवं प्रोटोकॉल का पालन करना और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखना शामिल है।
लगवाना है कोरोना का टीका? रजिस्ट्रेशन कराने के लिए यहां पढ़ें सारी जानकारी
- निधि अविनाश
- मार्च 1, 2021 18:09
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Co-WIN 2.0 ऐप में कोरोना टीके लगवाने से पहले खुद को 1 मार्च को रजिस्टर कराना होगा। इसके अलावा Co-WIN 2.0 का नया वर्जन ऐप जीपीएस इनेबल सेटिंग के साथ प्राप्त होगा। बता दें कि टीकाकरण के लिए खुद को रजिस्टर करने के लिए वॉक-इन-प्रावधान भी शामिल होगा।
COVID-19 के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के रूप में भारत में कोरोना वायरस टीकाकरण का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया है। इस चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा। COVID-19 टीकाकरण के दूसरे चरण के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि इनोक्यूलेशन ड्राइव के लिए लोगों को अपने पोर्टल Co-WIN 2.0 पर खुद को रजिस्टर करना होगा।
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जानिए Co-WIN 2.0 ऐप के बारे में
कोरोना टीके लगवाने से पहले खुद को Co-WIN 2.0 ऐप में रजिस्टर कराना होगा। इसके अलावा Co-WIN 2.0 का नया वर्जन ऐप जीपीएस इनेबल सेटिंग के साथ प्राप्त होगा। बता दें कि टीकाकरण के लिए खुद को रजिस्टर करने के लिए वॉक-इन-प्रावधान भी शामिल होगा। इस ऐप के जरिए टीकाकरण के लिए एक व्यक्ति एक मोबाइल फोन पर चार अपॉइंटमेंट ले सकता है। वहीं वैक्सीन चुनने का कोई ऑप्शन नहीं होगा लेकिन तारीख और केंद्र का चयन करने का ऑप्शन होगा।
Co-WIN 2.0 ऐप में कैसे करे रजिस्टर?
Co-WIN 2.0 ऐप पर रजिस्टर करने के लिए इन 5 चरणों का पालन करे
चरण 1: पहले आप Co-WIN ऐप की आधिकारिक वेबसाइट cowin.gov.in पर जाएं।
चरण 2: रजिस्ट्रेशन करने के लिए अपना 10 अंकों का मोबाइल नंबर या आधार नंबर दर्ज करें।
चरण 3: नंबर दर्ज करके, आपको एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे आपको मोबाइल में सबमिट करना होगा।
चरण 4: एक बार जब आपका रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाए तो उसके बाद निर्धारित तिथि और समय पर अपना टीकाकरण करवाएं।
चरण 5: इसके बाद, आपको एक आईडी प्राप्त होगी जिसके द्वारा आप अपना टीकाकरण प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।
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क्या-क्या आवश्यक डॉक्युमेंट्स की होगी जरूरत?
जो लोग 45 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उन्हें अपने हेल्थ के बारे में पूरी डिटेल देनी होगी और एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी अपलोड करना होगा।
जो लोग 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उन्हें टीकाकरण प्रक्रिया के लिए अपना आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड या एक फोटो आईडी कार्ड ले जाना होगा।
आपको बता दें कि अगर आप टीकाकरण सरकारी केंद्रों पर करवाते है तो वह नि: शुल्क होगा वहीं अगर आप निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण कराना चाहते है तो उसके लिए आपको pre-fixed charge देना होगा। टीकाकरण प्रक्रिया 1 मार्च से 10,000 सरकारी केंद्रों और 20,000 से अधिक निजी केंद्रों पर होगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा- जेवर हवाईअड्डे का निर्माण सरकार की पहली प्राथमिकता है
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 1, 2021 17:30
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, जेवर के विकास को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजना बताते हुये कहा कि कोविड-19 की विभीषिका के बावजूद अब तक जिस तेजी, पारदर्शिता और तय समय से जेवर एयरपोर्ट के काम हुए हैं।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, जेवर के विकास को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजना बताते हुये कहा कि कोविड-19 की विभीषिका के बावजूद अब तक जिस तेजी, पारदर्शिता और तय समय से जेवर एयरपोर्ट के काम हुए हैं, उसने प्रदेश की नई कार्यसंस्कृति को प्रदर्शित किया है। इस एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या दो से बढ़ाकर छह करने का निर्णय लिया गया है।मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट के लिए चयनित विकासकर्ता ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के कार्यों की सराहना करते हुए उनके प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद मिलेगी।
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एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को जेवर एयरपोर्ट के लिए चयनित विकासकर्ता ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा गठित यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच राज्य समर्थित समझौते पर हस्ताक्षर होने के मौके पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि2017 में प्रदेश में सिर्फ दो हवाई अड्डे (लखनऊ और वाराणसी) ही क्रियाशील थे। मात्र तीन वर्ष में गोरखपुर, हिंडन, आगरा, प्रयागराज और अब बरेली सहित पांच अन्य हवाईअड्डे परिचालन में आ गये हैं। यही नहीं, देश के सबसे बड़े प्रदेश में मात्र दो अंतरराष्ट्रीय :इंटरनेशनल: एयरपोर्ट थे, लेकिन कुशीनगर और अयोध्या के एयरपोर्ट के साथ बहुत जल्द यहां पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे।
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जेवर एयरपोर्ट निर्माण से प्रभावित परिवारों के विस्थापन कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिवारों से संवाद बनाया जाए। उनके बेहतर विस्थापन की व्यवस्था हो। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि विस्थापित आबादी के पुनर्वास के लिए जेवर बांगर में 48.0979 हेक्टेयर भूमि का प्रबंध कर लिया गया है। मुख्यमंत्री आवास पर सम्पन्न समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के मौके पर राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री और नागरिक उड्डयन एस पी गोयल, सचिव मुख्य मंत्री और नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह और नोडल ऑफ़िसर नोएडा एयरपोर्ट शैलेंद्र भाटिया तथा ज़्यूरिख की कम्पनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से क्रिस्टाफ़ श्लेनमन , किरन जैन और शोभित गुप्ता ने हस्ताक्षर किए।
भाजपा का कोलकाता पुलिस पर निशाना, सोमेन मित्रा को पत्र लिखकर लगाया आरोप
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 1, 2021 17:15
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भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि 27 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डाक मतपत्रों के संग्रहण एवं छद्म मतों’ की खातिर पुलिस बल के अंदर अवैध कवायद चल रही है।
कोलकाता। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि 27 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान ‘डाक मतपत्रों के संग्रहण एवं छद्म मतों’ की खातिर पुलिस बल के अंदर अवैध कवायद चल रही है। भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता और वरिष्ठ नेताओं- सब्यसाची दत्ता एवं शिशिर बाजोरिया के दस्तखत वाले इस पत्र में पार्टी ने दावा किया कि वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग इस अभियान के तहत सभी रैंक के अपने सहयोगियों के मतदाता पहचान पत्र एवं आधार कार्ड की प्रतियां जमा कर रहा है।
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पार्टी ने यह भी कहा कि यह ‘बिल्कुल अवैध कृत्य है एवं किसी के मतदान के मौलिक अधिकार को छीन लेने जैसा है।’’ भगवा दल ने कहा, ‘‘शांतनु सिन्हा विश्वास नाम के एक इंस्पेक्टर इस कवायद की अगुवाई कर रहे हैं तथा दो इंस्पेक्टर - तपन कुमार मैती और बिजितास्व राउत उनकी मदद कर रहे हैं।’’
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भाजपा नेताओं ने पत्र में लिखा है कि 13 फरवरी को अलीपुर की उत्तिरनो बिल्डिंग में ‘‘ सेवारत पुलिसकर्मी तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुब्रत बख्शी की उपस्थिति में इस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ लेते हुए नजर आये।’’ भगवा पार्टी ने मांग की कि इस मामले की जांच करायी जाए और ऐसा कर रहे पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए। पिछले सप्ताह भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कुछ पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव बाधित करने की शिकायत की थी।

