2030 तक भारत बन सकता है दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: मोदी

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[email protected] । Feb 11 2019 2:16PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोलियम उद्योग के वैश्विक सम्मेलन पेट्रोटेक 2019 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी शीर्ष एजेंसियों का भी अनुमान है कि आगामी सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का रुख बना रहेगा।

ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्वास जताया कि भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा और 2030 तक यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। मोदी ने पेट्रोलियम उद्योग के वैश्विक सम्मेलन पेट्रोटेक 2019 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी शीर्ष एजेंसियों का भी अनुमान है कि आगामी सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का रुख बना रहेगा। अनिश्चितता भरे आर्थिक माहौल में भारत ने तेजी से वृद्धि करते हुये वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया है। 

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मोदी ने कहा कि वर्तमान में भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ रहा और हाल ही में यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2030 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। गौरतलब है कि स्टेंडर्ड चार्टर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2030 तक अमेरिका से आगे निकलकर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। चीन, अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। उसके बाद अमेरिका तीसरे स्थान पर आ जाएगा। कच्चे तेल के उतार-चढ़ाव और पेट्रोलियम की कीमतों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों के हितों को संतुलित करने के लिए हमें जिम्मेदार तरीके से मूल्य निर्धारण करने की जरूरत है। हमें तेल और गैस क्षेत्र के लिए भी पारदर्शी और लचीले बाजार की ओर बढ़ने की जरूरत है, तभी हम लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी परिशोधन क्षमता है। 2030 में उसकी क्षमता में करीब 20 करोड़ टन की और वृद्धि होगी। हमारी राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति पिछले साल लागू हुई है... दूसरी और तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन पर शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। 11 राज्यों में दूसरी पीढ़ी के 12 जैव ईंधन रिफाइनरियों की स्थापना की जा रही है। भारत की ऊर्जा नीति को लेकर मोदी ने कहा कि हमने ऊर्जा नियोजन में एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। 2016 में हुए पिछले पेट्रोटेक सम्मेलन में मैंने भारत के मामले में ऊर्जा को लेकर चार स्तंभों- ऊर्जा पहुंच, दक्षता, स्थिरता और सुरक्षा का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि ऊर्जा एजेंडा भी हमारा प्रमुख उद्देश्य है और यह भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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उन्होंने कहा, इस संबंध में हमने कई नीतियां बनाई और उनका क्रियान्वयन किया है। इन प्रयासों का नतीजा अब दिखने लगा है। सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंच गई है। सौभाग्य योजना के जरिए इस साल देश के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। जैसे उत्पादन बढ़ेगा, हमारा लक्ष्य पारेषण और वितरण के नुकसान को कम करना होगा। उन्होंने कहा कि उदय योजना के तहत सरकार इस दिशा में काम कर रही है। विश्वबैंक की बिजली सुगमता रैकिंग में भार 2014 में 111 स्थान से 2018 में 29वें स्थान पर पहुंच गया है। मोदी ने कहा कि उजाला योजना के तहत देशभर में एलईडी बल्बों का वितरण किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप में एक साल में 17,000 करोड़ रुपये यानी 2.5 अरब डॉलर की बचत हुई है। उज्जवला योजना के तहत 6.4 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दिए गए हैं।

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