भारत जीवनी लिखने के लिए असहिष्णु क्षेत्रः रामचंद्र गुहा

[email protected] । Feb 24 2017 1:07PM

इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि जीवनीकारों के लिए भारत अनुकूल स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवनी लेखकों को लोगों के नाराज होने के डर के साए में काम करना पड़ता है।

इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि जीवनीकारों के लिए भारत अनुकूल स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवनी लेखकों को लोगों के नाराज होने के डर के साए में काम करना पड़ता है। महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए गुहा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी ही ‘एकमात्र महान भारतीय’ हैं जिनकी कोई भी आलोचना कर सकता है, और उसके लिये उनके चेहरे पर न तो कालिख पोती जायेगी, न ही उनकी पुस्तक प्रतिबंधित होगी और न ही उन्हें निर्वासन में जाना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि गांधी सबके हैं और किसी के भी नहीं। कोई भी संप्रदाय, धर्म, भाषा और राजनैतिक विचारधारा उन पर दावा नहीं कर सकती।’’ देश में ऐतिहासिक जीवनी लेखकों के सामने सात बड़े मुद्दों को गिनाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के नाराज होने का डर ऐसा है जो हमारी जीवनी संबंधी समृद्ध परंपरा को मुक्त करने की राह में आड़े आता है।’’ गुहा ने साहित्य अकादमी के फेस्टिवल ऑफ लेटर्स में संवत्सर व्याख्यान में कहा, ‘‘बायोग्राफी भारत में ऐतिहासिक या साहित्यिक पड़ताल की कम विकसित शाखा है।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़