छात्रों, पेशेवरों की विदेश यात्रा को आसान बनाने के लिए भारत अन्य देशों से बातचीत कर रहा: श्रृंगला

Harshvardhan Shringala
प्रतिरूप फोटो

विदेश सचिव ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी), भुवनेश्वर में अपनी टिप्पणी में कोविड-19 से निपटने में सरकार की संपूर्ण कोशिशों में राजनयिक कोशिशों के बारे में भी बातचीत की।

नयी दिल्ली| विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत छात्रों और पेशेवरों को विदेशों में उनके शैक्षणिक संस्थानों तथा कंपनियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए अन्य देशों के साथ तत्परता से बातचीत कर रहा है।

उन्होंने कहा कि महामारी का सामना पूरा विश्व कर रहा है और इसने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। विदेश सचिव ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी), भुवनेश्वर में अपनी टिप्पणी में कोविड-19 से निपटने में सरकार की संपूर्ण कोशिशों में राजनयिक कोशिशों के बारे में बातचीत की।

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उन्होंने कहा कि पिछले साल जनवरी में शुरूआती चरण के दौरान जब चीन में लॉकडाउन था, तब वुहान से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए विशेष उड़ानें परिचालित की गई।

श्रृंगला ने कहा कि अब तक 25 लाख से अधिक लोगों को स्वदेश वापस लाया गया है। उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण के बारे में कहा कि भारत वैश्विक टीका निर्माण का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने नागरिकों को एक अरब खुराक देने के ऐतिहासिक लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंच गये हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने टीका प्रमाणन पर एक परस्पर मान्यता प्रणाली अपनाई है ताकि टीका लगवा चुके लोग यात्रा पर पाबंदियों का सामना नहीं करे। विदेश सचिव ने इस बात का जिक्र किया कि जापान ने भारत के आर्थिक आधुनिकीकरण में एक अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में जापान, भारत में पांचवा बड़ा निवेशक है। इस अवसर पर जापानी राजदूत सुजुकी सतोशी भी मौजूद थे।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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