प्रवासी भारतीय समारोहों से ठोस परिणाम नहीं निकला: सुषमा

[email protected] । Aug 27 2016 10:56AM

सुषमा ने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय से जुड़ाव के मकसद से भारत ने 2003 से 2015 के बीच जिन 13 प्रवासी भारतीय दिवसों का आयोजन किया, उससे ठोस परिणाम नहीं निकला।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय से जुड़ाव के मकसद से भारत ने 2003 से 2015 के बीच जिन 13 प्रवासी भारतीय दिवसों का आयोजन किया, उससे कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया और सरकार चाहती है कि इसके अगले संस्करण से इसे परिणाम आधारित बनाया जाए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस की शुरूआत की थी ताकि विदेशों में रहने वाले 2.5 करोड़ भारतीयों से संबंध प्रगाढ़ किए जाएं।

एनआरआई और पीआईओ का यह सालाना कार्यक्रम 2015 तक चला। पिछले साल सरकार ने फैसला किया कि इसे हर दो साल पर एक बार आयोजित किया जाएगा। 14वां प्रवासी भारतीय दिवस सात से नौ जनवरी 2017 को बेंगलूर में आयोजित किया जाएगा।

शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में फैले भारतीय समुदाय तक पहुंच कायम करने की कवायद कर रहे हैं और आगामी प्रवासी भारतीय दिवस पहले के आयोजनों से अलग होगा। सुषमा ने कहा, ‘‘विदेशों से आने वाले लोग सिर्फ सेल्फी और तस्वीरें खिंचवाकर और खाना खाकर वापस नहीं जाएंगे...पहली बार आप पूरी तरह बदला हुआ प्रवासी भारतीय दिवस देखेंगे।’’

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