मतुआ समुदाय के प्रभावशाली नेता Shantanu Thakur मोदी कैबिनेट में बने राज्यमंत्री

Shantanu Thakur
प्रतिरूप फोटो
@Shantanu_bjp
Prabhasakshi News Desk । Jun 19 2024 8:22PM

बनगांव सीट के सांसद शांतनु ठाकुर को भी मंत्री बनाया गया है। उन्हें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। शांतनु ठाकुर बंगाल के मतुआ समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। बनगांव से चुनाव जीतने वाले वो पहले बीजेपी के नेता हैं। वे मोदी 2.0 में भी मंत्री रह चुके हैं।

एनडीए सरकार में पश्चिम बंगाल की बनगांव सीट के सांसद शांतनु ठाकुर को भी मंत्री बनाया गया है। उन्हें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। शांतनु ठाकुर बंगाल के मतुआ समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। बनगांव से चुनाव जीतने वाले वो पहले बीजेपी के नेता हैं। शांतनु ठाकुर मोदी 2.0 में भी मंत्री रह चुके हैं।

शांतनु ठाकुर का जन्म 3 अगस्त 1982 को पश्चिम बंगाल के थाकुर नगर, उत्तर 24 परगना में हुआ था। उनकी शिक्षा अंग्रेजी साहित्य में हुई और उन्होंने हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा प्राप्त किया। उनकी शिक्षा विक्टोरिया यूनिवर्सिटी और कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से हुई थी। शांतनु ठाकुर का राजनीतिक करियर एक पारिवारिक विवाद के चलते शुरू हुआ। उनके पिता, मंजुल कृष्णा ठाकुर, जो तृणमूल कांग्रेस (TMC) में पूर्व मंत्री थे, के पार्टी से मतभेद होने के बाद शांतनु भाजपा में शामिल हुए। वह 2019 में बंगाओं संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। 

शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय के प्रमुख नेता हैं। मतुआ समुदाय, जो राज्य की दूसरी सबसे बड़ी अनुसूचित जाति है, ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती बना दिया है। उनका प्रारंभिक करियर मतुआ समुदाय के सामाजिक सेवाओं से जुड़ा था। जुलाई 2021 में, शांतनु ठाकुर को भारत सरकार में बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। शांतनु ठाकुर वर्तमान में भारतीय केंद्रीय मंत्रिमंडल में बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। 

उन्हें यह भूमिका 2021 के कैबिनेट पुनर्गठन में दी गई थी। उनकी जिम्मेदारियां इस मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों के संचालन और निगरानी से संबंधित हैं। 2009 में परिसीमन के बाद बनी बनगांव सीट से चुनाव जीतने वाले शांतनु ठाकुर पहले गैर-टीएमसी नेता हैं। 2009 के चुनाव में यहां से टीएमसी नेता गोबिंद्र चंद्रनस्कर जीते थे। 2014 में कपिल कृष्ण यहां से जीते थे। उसी साल उनका निधन हो गया था, जिसके बाद उपचुनावमें टीएमसी नेता ममताबाला ठाकुर यहां से जीती थीं। 2019 के चुनाव में शांतनु ठाकुर ने ममताबाला ठाकुर को 1.30 लाख वोटों के अंतर से हराया था।

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