सारदा चिटफंड घोटाले में नलिनी चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिला अंतरिम संरक्षण

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सीबीआई का दावा है कि वरिष्ठ अधिवक्ता नलिनी चिदंबरम को जो 1.3 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया वह सारदा चिटफंड द्वारा निवेशकों से अवैध रूप से एकत्रित राशि से किया गया था।

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम को सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से छह सप्ताह के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। न्यायमूर्ति जे बागची के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने चिदंबरम को जांच में सहयोग का निर्देश देते हुए अग्रिम जमानत के लिए उनकी अर्जी लंबित रखी।

अदालत ने सीबीआई और चिदंबरम को निर्देश दिया कि वे इस बीच मामले में अपने अपने रुख के समर्थन में हलफनामे दायर करें। नलिनी चिदंबरम के लिए पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप घोष ने कहा कि मामले में 11 जनवरी को दायर छठे पूरक आरोपपत्र में उन्हें सारदा चिटफंड मामले में एक आरोपी की तरह उल्लेखित किया गया है जबकि 2016 में पहले के आरोपपत्र में उन्हें एक आरोपी के तौर पर उल्लेखित नहीं किया गया था।

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सीबीआई का दावा है कि वरिष्ठ अधिवक्ता नलिनी चिदंबरम को जो 1.3 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया वह सारदा चिटफंड द्वारा निवेशकों से अवैध रूप से एकत्रित राशि से किया गया था। दावे से इनकार करते हुए अधिवक्ता घोष ने कहा कि नलिनी चिदंबरम को राशि का भुगतान मनोरंजना सिंह की कानूनी सलाहकार के तौर पर किया गया था।

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