INX मीडिया केस Live: चिदंबरम को राहत नहीं, अब जमानत पर फैसला लेंगे CJI

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अंकित सिंह । Aug 21 2019 12:43PM

टीम ने यह साफ नहीं किया कि क्या वह वित्त मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी देने में कथित अनियमितता के लिए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर गयी थी।

गिरफ्तारी से राहत की मांग करने वाली चिदंबरम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी एक कैविएट दायर किया है (कोर्ट किसी पक्ष को सुने बिना फैसला नहीं कर सकता)।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चीदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया

कपिल सिब्बल पी चिदंबरम की याचिका की तत्काल सुनवाई का आग्रह सीजेआई के समक्ष नहीं कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एनवी रमना ने पी चिदंबरम की याचिका को भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेजा।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और विवेक तन्खा अदालत के अंदर हैं। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से छूट दिए जाने का न्यायालय से अनुरोध किया।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तारी से किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद सीबीआई अधिकारियों की एक टीम जोर बाग में उनके निवास पर पहुंची थी। उक्त पते पर चिदंबरम के नहीं होने की पुष्टि होने के बाद सीबीआई टीम परिसर से वापस चली गयी। आज एक बार फिर सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके आवाज पर पहुंची और आज भी वह गायब मिले। आज 10.30 में सुप्रीम कोर्ट में उनके जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। 

टीम ने यह साफ नहीं किया कि क्या वह वित्त मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी देने में कथित अनियमितता के लिए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर गयी थी। सीबीआई टीम में पुलिस अधीक्षक स्तर के कुछ अधिकारी भी थे। अधिकारियों ने बताया कि टीम सीबीआई मुख्यालय लौट गयी, जहां एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी अगले कदम पर चर्चा कर रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिदंबरम को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से किसी भी तरह का संरक्षण देने से मना कर दिया।

सीबीआई ने चिदंबरम को दो घंटे में पेश होने के लिये नोटिस जारी किया

आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने नोटिस जारी कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम साढ़े छह बजे सीबीआई अधिकारी चिदंबरम के दिल्ली में जोर बाग स्थित आवास पहुंचे, पर वह वहां नहीं मिले। सीबीआई अधिकारियों का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी कर रहे थे। हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है कि अधिकारी चिदंबरम के आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने गए थे या पूछताछ के लिए। 

चिदंबरम की कानूनी टीम ने सीबीआई से सुनवाई तक कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील की

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की कानूनी टीम ने सीबीआई को पत्र लिख उच्चतम न्यायालय में बुधवार को उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले उनके खिलाफ किसी प्रकार की बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील की है। आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने नोटिस जारी कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया। इसके जवाब में चिदंबरम की कानूनी टीम ने कहा कि नोटिस में कानून के उन प्रावधानों का जिक्र नहीं किया गया है जिनके तहत उन्हें तलब किया गया। साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय में बुधवार सुबह उनकी याचिका पर सुनवाई होने से पहले कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील भी की।

चिदंबरम के वकील अर्शदीप खुराना ने कहा कि उनके मुवक्किल को ‘‘खबरों के जरिए’’ पता चला कि उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा गया है। खुराना ने कहा, ‘‘ मुझे यह बताने को कहा गया है किआपके नोटिस में कानून के उस प्रावधान का उल्लेख नहीं है, जिसके तहत मेरे मुवक्किल को आधी रात को दो घंटे के एक ‘शॉर्ट नोटिस’ पर पेश होने को कहा गया।’’ इसके अलावा, कृपया ध्यान दें कि मेरा मुवक्किल कानून द्वारा मुहैया कराए गए अधिकारों का इस्तेमाल कर रहा है और उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के आदेश पर राहत पाने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय का 20 अगस्त 2019 को रुख भी किया...।’’ उन्होंने कहा कि 20 अगस्त 2019 शाम साढ़े चार बजे माननीय उच्चतम न्यायालय जाने पर, माननीय उच्चतम न्यायालय ने उपरोक्त आदेश के खिलाफ 21 अगस्त 2019 सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई की अनुमति दी है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपसे निवेदन करता हूं कि तब तक मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करें और 21 अगस्त 2019 सुबह साढ़े 10 बजे इस पर सुनवाई का इंतजार करें।’’

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