उत्तर प्रदेश की खबरें: जितिन प्रसाद ने कहा, देनी होगी महिलाओं को वास्तविक भागीदारी

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प्रसाद ने कहा कि विश्व में अनेक नेता हैं किन्तु मोदी जी वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। एक समय में प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री जी के आह्वान पर जनता एकजुट हुई तो आज मोदी जी के आह्वान पर भी वैसी ही एकजुटता देखने को मिली। उनके आह्वान पर सक्षम लोगों ने सब्सिडी छोड़ी और उज्ज्वला योजना के तहत हर घर सिलेंडर पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है।

सरकार से लेकर सेना तक भले ही महिलाओं की भागीदारी हुई हो किन्तु वास्तव में वह सांकेतिक है। महिलाओं को आज बराबरी देने की आवश्यकता है। रविन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था कि पुरुष का चरित्र महिलाओं के प्रति उनके नजरिए से स्पष्ट होता है। पुरुषों को अपनी सोच बदलनी होगी। वास्तविक सशक्तिकरण तब माना जाएगा जब महिला अपना निर्णय लेने में समर्थ व स्वतंत्र होगी। ये बातें प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद ने गुरुवार को आयोजित महिला शक्ति सम्मान समारोह में कहीं। जानकीपुरम स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के पं. रामप्रसाद बिस्मिल प्रेक्षागृह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विधायी राजनीति के 20 वर्ष पूर्ण होने तथा लखनऊ से लगातार दो बार विधायक रहे डी.पी. बोरा की 81वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में सरकार के नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन पर केन्द्रित मिशन शक्ति अभियान को समर्पित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर मैं यहां हूं। मैंने विपक्ष में रहकर उनको देखा है और आज पक्ष से देखते हुए यह कह सकता हूं कि वे वोट के राजनीति नहीं करते बल्कि देश को बनाने और संवारने का काम करते हैं। वे देशवासियों से पारिवारिक रिश्ता रखते हैं। 

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प्रसाद ने कहा कि विश्व में अनेक नेता हैं किन्तु मोदी जी वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। एक समय में प्रधानमंत्री के रूप में शास्त्री जी के आह्वान पर जनता एकजुट हुई तो आज मोदी जी के आह्वान पर भी वैसी ही एकजुटता देखने को मिली। उनके आह्वान पर सक्षम लोगों ने सब्सिडी छोड़ी और उज्ज्वला योजना के तहत हर घर सिलेंडर पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्री के रूप में मैंने देखा है कि योजनाएं तो कागज पर बन जाती हैं किन्तु असली चुनौती उसे जमीन पर उतारने की होती है। यह खुशी की बात है कि केन्द्र व राज्य की मौजूदा सरकारों में योजनाएं पात्रों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने विधायक नीरज बोरा से दल और दिल का रिश्ता बताते हुए जनता का आह्वान किया कि वे योगी और मोदी के साथ खड़े हों, इसी में देश का भला है। लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ. नीरज बोरा ने अपने पिता डी.पी. बोरा की स्मृति को नमन करते हुए मोदी-योगी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा कहा कि दीनदयाल जी के एकात्म मानववाद और अन्त्योदय की परिकल्पना साकार हो रही है। आज समाज के अन्तिम पायदान तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को घर के मुखिया के रूप में स्थापित करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। 

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समारोह का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद, समाजसेवी पंकज बोरा, क्षेत्रीय विधायक डा. नीरज बोरा, समाजसेविका बिन्दू बोरा आदि ने दीप प्रज्ज्वलन तथा डी.पी.बोरा के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया। संचालन शैलेन्द्र शर्मा अटल ने किया। उत्तर क्षेत्र के भाजपा पार्षद, नगर व मंडल के पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया।

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कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली नौ महिलाओं को शक्ति स्वरूपा महिला सम्मान प्रदान करने के साथ ही तकरीबन आठ सौ महिलाओं का अभिनन्दन किया गया। सम्मानित होने वालों में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस महाविद्यालय की प्राचार्यमती अनुराधा तिवारी, बाल महिला चिकित्सालय, अलीगंज की प्रभारी डॉ. अनामिका गुप्ता, नगर निगम की जोनल अधिकारीमती अम्बी बिष्ट एवंमती बिन्नो रिजवी, केजीएमयू ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डा. तूलिका चन्द्रा, डूडा की परियोजना अधिकारी सुश्री निधि बाजपेयी, समाज सेविकामती ममता त्रिपाठी,मती नीलम सिंह, सुश्री ऊषा विश्वकर्मा प्रमुख रहीं। समारोह के अंतर्गत विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की महिला लाभार्थियों का प्रतीकात्मक सम्मान किया गया जिसमें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की महिला लाभार्थी सम्मिलित रहीं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. विवेक सिंह तोमर, पार्षद पृथ्वी गुप्ता, रन्नो लोधी, रूपाली गुप्ता, खुशबू राखी मिश्रा, रानी कन्नौजिया, सन्तोष तेवतिया, कुमकुम राजपूत, राघव राम तिवारी, मंडल अध्यक्ष राकेश पांडेय, लवकुश त्रिवेदी, सुदर्शन कटियार, विशाल गुप्ता,रामशरण सिंह, सतीश वर्मा आदि उपस्थित रहे।

जनपद प्रयागराज में मा उच्च न्यायालय के ड्रमण्ड रोड, गेस्ट हाउस में डायनिंग हाल के रिमाडलिंग एवं रेनोवेशन कार्य हेतु 36.24 लाख रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद प्रयागराज में मा0 उच्च न्यायालय के ड्रमण्ड रोड, गेस्ट हाउस में डायनिंग हाल के रिमाडलिंग एवं रेनोवेशन कार्य हेतु 72.48 लाख रूपये के सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 36.24 लाख रूपये (छत्तीस लाख चौबीस हजार रूपये) की धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सम्बंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग 31 दिसम्बर, 2021 तक अवश्य कर लिया जाय।

इटावा जजशिप में कोर्टरूम के लिए मरम्मती कार्य हेतु 20.32 लाख रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने इटावा जजशिप में 10 कोर्टरूम के मरम्मती कार्य हेतु 81.28 लाख रूपये के सापेक्ष प्रथम किश्त के रूप में 20.32 लाख रूपये (बीस लाख बत्तीस हजार रूपये) की धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सम्बंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत निर्माण कार्य मार्च, 2022 तक अवश्य पूर्ण कर लिया जाय।

सुरेश कुमार खन्ना द्वारा फीता काटकर ऑक्सीजन प्लांट का विधिवत उद्घाटन किया गया

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज डिजिटल लिंक के माध्यम से संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में 1000 लीटर क्षमता का पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर प्रदेश की जनता को समर्पित किया। इस आक्सीजन प्लांट से वर्तमान में पी एम एस एस वाई ब्लॉक को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। नवीन इमरजैंसी ब्लॉक के क्रियान्वित होते ही इस ऑक्सीजन प्लांट द्वारा वहां निर्बाधित ऑक्सीजन आपूर्ति प्रदान की जाएगी। भारत सरकार द्वारा पी एम केयर्स फंड से उत्तर प्रदेश में 127 आक्सीजन प्लांट स्थापित किये गये हैं, जिनका वर्चुअल लोकार्पण आज प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा किया गया।

उत्तर प्रदेश के वित्त, चिकित्सा शिक्षा व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा फीता काटकर ऑक्सीजन प्लांट का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह और राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार)मती स्वाति सिंह भी उपस्थित थी। खन्ना ने एसजीपीजीआई में ऑक्सीजन प्लांट समर्पित करने पर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का आभार जताया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर वी के पालीवाल व अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

उर्वरक छापों के दौरान उर्वरक बिक्री केन्द्रों के साथ-साथ औद्योगिक इकाईयों का भी सघन निरीक्षण किया जाये

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों द्वारा अपने उत्पाद के निर्माण में नाइट्रोजिनस कम्पाउण्डस अथवा टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिाहईड यूरिया के स्थान पर डायवर्जन कर रॉ-मेटेरियल के रूप में अनुदानित यूरिया का प्रयोग के सम्बन्ध में रॉ-मेटेरियल के प्राप्ति स्रोत की जांच कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। अपर मुख्य सचिव, कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुये बताया कि शासन द्वारा इस सम्बन्ध में समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि टेक्निकल ग्रेड यूरिया घरेलू उत्पादन एवं विदेशों से आयात के माध्यम से उपलब्ध होता है। औद्योगिक इकाईयों में अपने उत्पाद हेतु उपयोग में होने वाले टेक्निकल ग्रेड यूरिया की मात्रा घरेलू उत्पादन और आयात से प्राप्त होने वाली मात्रा से अधिक है। 

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि जारी किये गये निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक जनपद में महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र औद्योगिक इकाईयों, जिनके द्वारा अपने उत्पादों के निर्माण में टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिहाइड यूरिया का प्रयोग किया जाता है, की सूची तैयार करें। इसके अतिरिक्त महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र तथा जिला कृषि अधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा इन औद्योगिक इकाईयों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिहाइड यूरिया के प्राप्ति स्रोतों की गहनता से जांच कराये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी औद्योगिक इकाई द्वारा अपने उत्पाद के निर्माण में अनुदानित यूरिया का उपयोग किया जाना पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धाराओं एवं अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

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अपर मुख्य सचिव कृषि ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा अनुदानित यूरिया के दुरूपयोग पर रोक लगाने हेतु शासन स्तर से समय-समय पर पड़ने वाले उर्वरक छापों के दौरान उर्वरक बिक्री केन्द्रों के साथ-साथ इन औद्योगिक इकाईयों का भी गठित टीम द्वारा सघन निरीक्षण किया जाये। उन्होंने बताया कि नाइट्रोजिनस कम्पाउण्डस अथवा टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फार्मेल्डिहाइड यूरिया का उपयोग करने वाली प्रमुख औद्योगिक इकाईयों में एनिमल एण्ड पोल्ट्री फीड एज प्रोटीन सब्स्टीट्यूट, यूरिया फार्मेल्डिहाइड रेजिन यूज्ड इन पेन एज ए बाइन्डर फॉर द इमल्सन, रॉ मैटेरियल फॉर फर्मेन्टेशन ऑफ शुगर/मोलेसेस टू एल्कोहल, यूरिया फॉर्मेल्डिहाइड रेज्ड्यू एण्ड इट्स मॉडिफिकेशन्स यूज्ड इन प्लाईवुड एण्ड पार्टीकल बोर्ड इण्डस्ट्री एज एडहेसिव एण्ड आलसो फॉर सरफेस कोटिंग, मेलामाईन रेजिन ऑर मेलामाइन फार्मेल्डिहाईड (नाईट्रोजन कम्पाउण्डस) यूज्ड फॉर मैन्यूफैक्चर ऑफ कुकिंग यूटेन्सिल्स, प्लेट्स, प्लास्टिक प्रोडक्टस एण्ड मोर, टीजीयू इस यूज्ड एज नॉन-कोडिंग अल्टरनेटिव टू रॉक-सॉल्ट, टीजीयू (टेक्निकल ग्रेड यूरिया) यूज्ड ए बर्निंग एजेन्ट, टीजीयू यूज्ड एज मेन मैटेरियल फार टूथ व्हाइटनिंग प्रोडक्टस, एज एडिटिव टू डाई बाथ्स फॉर टैक्सटाइल डाइनिंग ऑर प्रिंटिंग, रॉ मैटेरियल फॉर डिश सोप तथा रॉ मैटेरियल फॉर फ्लेवर एन्हैंसिंग एडिटिव फॉर सिगरेट्स चिन्हित की गयी हैं।

जिलाधिकारी समस्त लाईसेंस धारक कीटनाशक विक्रेताओं का नियमित एवं सघन निरीक्षण करें

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुये कहा है कि वे अपने-अपने जनपद में समस्त लाईसेंस धारक कीटनाशक विक्रेताओं का नियमित एवं सघन निरीक्षण करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा किसानों को अनिवार्य रूप से कैश मैमो अथवा क्रेडिट मैमो उपलब्ध कराया जाए। यदि जनपद में कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा कैश मैमो उपलब्ध न कराये जाने की शिकायत प्राप्त होती है, तो सम्बन्धित का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये कठोर कार्यवाही की जाए। अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि कुछ जनपदों से इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हो रही है कि समस्त कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा किसानों को कैश मैमो उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को अमानक रसायन का विक्रय किया जाना संभावित रहता है, जिससे फसलों की क्षति होने का डर रहता है।

डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्व में समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश किये गये थे कि  जनपद के समस्त लाईसेन्स धारक कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा किसानों को कीटनाशक बेचने के समय कैश मैमो अथवा क्रेडिट मैमो अवश्य उपलब्ध करायें। साथ ही कैश मैमो अथवा क्रेडिट मैमो में कीटनाशक का नाम, मैन्यूफैक्चरिंग एवं एक्सपायरी तिथि व विक्रय मूल्य अनिवार्य रूप से अंकित किया जाए। 

सिटीजन इन्फॉरमेशन बोर्ड का निर्माण महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित किया जायेगा

प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत मनरेगा के प्रत्येक कार्य में लगाया जाने वाला सिटीजन इनफॉरमेशन बोर्ड का निर्माण केवल महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा ही निर्मित कराए जाने की अनिवार्यता कर दी गई है। इससे ग्रामीण गरीब महिलाओं की आय में बढ़ोत्तरी होगी और उनको बल मिलेगा। अभी तक इस कार्य में स्वयं सहायता समूहों को 21.26 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ग्राम पंचायतों में महिला मेंटों का चयन करके उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 38419 महिला मेंटों का चयन किया गया है और 19184 महिला मेट का क्लास रूम तथा फील्ड प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। 1850  को कार्य में लगाया जा चुका है। 

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा कल 08 अक्टूबर, 2021 को कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारम्भ करेंगे

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा कल 08 अक्टूबर, 2021 को मुख्य अतिथि के रूप में कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारम्भ करेंगे। शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार व मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए पांच कार्यक्रमों- 10 हजार शिक्षकों को शिक्षण हेतु प्रशिक्षण, 2500 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कैरियर परामर्श एवं मार्गदर्शन, माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना, मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट्स उपलब्ध कराया जाना, जनपद लखनऊ में 1000 आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के विद्यार्थियों को प्रति छात्र/छात्रा 01 होम स्टडी टेबल निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने का शुभारम्भ करेंगे।

माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा  कल लोक भवन, लखनऊ में सामाजिक दायित्वों से शैक्षिक उन्नयन हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में कॉरपोरट सेक्टर द्वारा सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा का विकास तथा गुणवत्ता संवर्द्धन, विभागीय प्राथमिकताओं, नकल विहीन बोर्ड परीक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन, विद्यार्थियों को कौशल विकास एवं रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराने तथा शैक्षिक नवाचार के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया जायेगा। इस कार्यक्रम मेंमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, शासन एवं विभाग के उच्च अधिकारी, प्रतिष्ठित कॉरपोरेट सेक्टर के प्रतिनिधि तथा ख्याति प्राप्त शिक्षाविदों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

05 किग्रा0 गेहूं प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से वितरण

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 में आच्छादित अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी राशनकार्डों से सम्बद्ध यूनिटों पर माह जुलाई, 2021 से नवम्बर, 2021 के लिए 05 किग्रा0 प्रति यूनिट की मात्रानुसार निःशुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इस हेतु निर्गत आवंटन माह अक्टूबर, 2021 एवं नवम्बर, 2021 के अन्तर्गत 05 किग्रा0 गेहूं प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से वितरण किया जा रहा है।

खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत 06 अक्टूबर, 2021 तक 14,26,059 अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को 24,478.454 मीट्रिक टन खाद्यान्न तथा 99,19,470 पात्र गृहस्थी के राशन कार्डधारकों को 2,21,452.464 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है।

उल्लेखनीय है कि वितरण की अन्तिम तिथि 15 अक्टूबर, 2021 होगी निर्धारित की गई है। 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नवरात्रि के अवसर पर देश व प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर देश व प्रदेशवासियों को मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि मां भगवती दुर्गा माता सभी को स्वस्थ एवं आरोग्यता प्रदान करें ,सभी के जीवन में सुख समृद्धि और  संपन्नता का लाये।

उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अंतर्गत इन्क्यूबेटर्स तथा एक इन्क्यूवेशन हब की होगी स्थापना

उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के प्राविधानों के अंतर्गत प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में एक इन्क्यूबेशन हब तथा 15 राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों एवं अभियंत्रण संस्थाओं में एक-एक इन्क्यूबेशन सेन्टर्स की स्थापना की जायेगी। इस हेतु अनुमानित धनराशि 2264 लाख रुपये के व्यय की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। जिन राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों/अभियंत्रण संस्थाओं में एक-एक इन्क्यूबेशन सेन्टर्स की स्थापना की जायेगी, उनमें उ0प्र0 वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, बी0आई0ई0टी0 झांसी, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज अम्बेडकरनगर, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज आजमगढ़, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बिजनौर, राजकीय  इंजीनियरिंग कालेज सोनभद्र, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज मैनपुरी, कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान, सुल्तानपुर, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज कन्नौज, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा, ए0आई0टी0एच0 कानपुर, फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर लखनऊ, सेन्टर फार एडवांस स्टडीज लखनऊ, उत्तर प्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन नोएडा एवं आई0ई0टी0 लखनऊ शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 के प्राविधानों तथा निर्धारित किये गए मानकों, आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग द्वारा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में निर्गत आदेशों तथा इस नीति के अंतर्गत गठित पी0एम0आई0सी0 व पी0आई0यू0 की बैठकों में दिये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। साथ ही स्थापित किये जाने वाले सभी इन्क्यूबेटर्स को डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ में स्थापित होने वाले इनोवेशन हब से जोड़ा जायेगा।

नहरो पर पक्की संरचनाओं की मरम्मत, नवनिर्माण हेतु तीन करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विभागीय नहरों पर पक्की संरचनाओं की मरम्मत पुनर्निर्माण की तीन परियोजनाओं के लिए प्राविधानित धनराशि 25000 लाख रुपये में से परियोजना के कार्यों पर व्यय करने हेतु 03 करोड़ रुपये की धनराशि प्रथम किश्त के रूप में अवमुक्त की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 04 अक्टूबर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि सक्षम स्तर संे तकनीकि स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाये। विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये। इस धनराशि को शारदा सहायक खण्ड 51 प्रतापगढ़ के अंतर्गत जौनपुर बांध से निकलने वाले राजबाहों एवं अल्पिकाओं पर पड़ने वाले विभिन्न क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए 100 लाख रुपये, सिंचाई खण्ड प्रतापगढ़ के अंतर्गत इलाहाबाद जलाशय एवं प्रतापगढ़ जलाशय से निकलने वाले राजबाहों/अल्पिकाओं पर स्थित पुल-पुलियों तथा प्रतापगढ़ शाखा व इलाहाबाद शाखा की पुल-पुलियों की मरम्मत हेतु 100-100 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।

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इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।

लालगंज व टीकरगढ़ राजबाहा पर बाक्स कलवर्ट निर्माण हेतु 50 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा लालगंज राजबाहा तथा टीकरगढ़ राजबाहा पर बाक्स कलवर्ट निर्माण की परियोजना हेतु प्राविधानित एकमुश्त धनराशि 25 हजार लाख में से 50 लाख रुपये प्रथम किश्त के रूप् में अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 04 अक्टूबर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि सक्षम स्तर संे तकनीकि स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाये। विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक आपत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाये। 

इसके अलावा परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के साथ ही धनराशि व्यय करते समय शासन द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाये। धनराशि का व्यय स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता के लिए विभाग की जिम्मेदारी होगी। स्वीकृत धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजनाओं पर ही किया जाये। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा।

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने लखनऊ छावनी बोर्ड अस्पताल में 250 एलपीएम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने आज 7 अक्टूबर, 2021 को लखनऊ छावनी बोर्ड अस्पताल में 250 एलपीएम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया। इस ऑक्सीजन संयंत्र से लखनऊ छावनी बोर्ड अस्पताल के 60 बिस्तर को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर रोगियों को राहत प्रदान की जाएगी। ऑक्सीजन  प्लांट के निर्माण के लिए पूरी तरह से पीएम केयर्स फंड से फंड दिया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. शर्मा ने पीएम केयर्स फंड द्वारा वित्त पोषित 02 संयंत्रों की स्थापना की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वीकृत 555 ऑक्सीजन संयंत्रों में से 392 संयंत्र वर्तमान में चालू हो चुके है जो उस गति को दर्शाता है जिसके साथ राज्य और केंद्र सरकार ने कोविड-19 चुनौती का सामना करने के लिए कदम बढ़ाया है। डॉ. शर्मा ने कोविड-19 से निपटने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की रणनीति का विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने भी स्वागत किया है। 

डा0 शर्मा ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के दौरान एक बड़ी आबादी के टीकाकरण की चुनौती का सामना किया। डॉ. शर्मा ने इस बात की भी सराहना की कि मेड इन इंडिया के टीके लोगों को उपलब्ध कराए गए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश टीकाकरण के मामले में देश में सबसे आगे है और कोविड-19 के प्रकोप को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने और जीवन के नुकसान को कम करने में सफलता पायी है। डॉ. शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश व प्रदेश की सार्थक प्रगति के लिए आभार व्यक्त करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। 

इससे पूर्व जी एस राजेश्वरन, प्रधान निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान ने लखनऊ छावनी बोर्ड अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. दिनेश शर्मा का स्वागत किया। इस अवसर पर लखनऊ छावनी से विधान सभा सदस्य सुरेश तिवारी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। सत्यनारायण, निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान, पुष्पेंद्र सिंह, निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान और डीएन यादव निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान और विकास कुमार, डीईओ लखनऊ छावनी बोर्ड और निदेशालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी रक्षा संपदा, मध्य कमान के साथ-साथ लखनऊ छावनी बोर्ड और डीआरडीओ, लखनऊ के अधिकारी भी उपस्थित थे। विलास एच. पवार, सीईओ, लखनऊ छावनी बोर्ड द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह संपन्न हुआ।

अनुसूचित जाति के लाभार्थियों कोस्वरोजगार से जोड़ने के लिए 200 करोड़ रूपये की धनराशि से संचालित की जायेगी विभिन्न योजनायें

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि गत दिवस उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रधान कार्यालय महानगर लखनऊ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के अनुसूचित जाति के लाभार्थियों  को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 200 करोड़ रूपये की धनराशि से निगम द्वाराविभिन्न योजनाएं संचालित की जायेगी।उन्होंने बताया कि अनुसूूचित जाति के चयनित लाभार्थियों को बैंकों द्वारा अपेक्षित सहयोग न दिये जाने के कारण यह निर्णय निदेशक मण्डल की बैठक में लिया गया। यह धनराशि निगम कोसीधे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (अनुविनि) से प्राप्त होगी। 

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इस प्रस्ताव पर उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि अधिकारी एवं निदेशक मण्डल के बीच सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम से लिए गये 171 करोड़ रूपये ऋण की धनराशि का 95 प्रतिशतधन राशि का भुगतान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को किया जा चुका है। इसलिए अब यह बड़ी राशि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को उपलब्ध हो सकेगी। 

डॉ. निर्मल ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा ऋण योजना भी प्रारम्भ किये जाने का निर्णय लिया गया है। निदेशक मण्डल ने उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम में आऊटसोर्स कार्मिकों के मानदेय में नवम्बर, 2021 से वृद्धि करने का भी निर्णय लिया है। निदेशक मण्डल द्वारा यह भी फैसला लिया गया है कि उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम में उपलब्ध सीएसआर फण्ड से अनुसूचित जाति के छात्रावासों में सोलर लाईट, सोलर गीजर एवं आर0ओ0 लगाने की व्यवस्था की जायेगी। इस बैठक में निगम के उपाध्यक्ष विश्वनाथ, सदस्य राम हृदयराम, प्रमुख सचिव समाज कल्याण व निगम के प्रबंध निदेशक के0रवीन्द्र नायक, निदेशक समाज कल्याण, वित्त, नियोजन तथा सार्वजनिक उद्यम के अधिकारी भी उपस्थित थे।

1000-1000 लीटर क्षमता के दो नए प्लांट का हुआ शुभारंभ

देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी एवं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी के वर्चुअली गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर नन्द गोपाल गुप्ता ‘‘नन्दी‘‘ जी ने आज मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज से संबद्ध स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय को प्रदत्त 1000-1000 लीटर क्षमता के पी.एस.ए. ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान सांसद फूलपुरमती केसरी देवी पटेल जी, मा० विधायक कोरॉव राजमणि कोल जी, मा० विधायक फाफामऊ विक्रमाजीत मौर्य जी, के.के सिंह जी परियोजना निदेशक, एस. पी. सिंह जी प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज मौजूद रहे। 

एसआरएन में 1000-1000 लीटर क्षमता वाले प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन ऑक्सीजन प्लांट (पीएसए) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन शुभारंभ किया। मेडिकल अस्पताल के ऑडिटोरियम में लाइव प्रसारण में पीएम ने सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री के संबोधन के पूर्व मंत्री नन्दी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के यशस्वी एवं कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। मंत्री नन्दी ने कहा कि कोरोना के प्रथम एवं द्वितीय लहर में कई बड़े बड़े देश जहां डगमगा गए, वहीं भारत ने कोरोना को मात दी। मरीजों का बेहतर इलाज हो सके इसके लिए अस्पतालों में वेंटीलेटर के साथ ही कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है।

मंत्री नन्दी ने कहा कि व्यवस्था के ही इस क्रम में देश के विभिन्न हॉस्पिटल में आज पीएम केयर फंड से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट अब तक का सबसे आधुनिक ऑक्सीजन प्लांट है, जिसके शुरू होने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मंत्री नन्दी ने बताया की नए ऑक्सीजन प्लांट की मदद से 1000 लीटर प्रति मिनट के साथ एक घंटे में 60,000 लीटर ऑक्सीजन एक प्लांट से मतलब दोनों प्लांट से एक घंटे में एक लाख 20 हजार लीटर ऑक्सीजन तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा किअब एसआरएन के सिलेंडर को ऑक्सीजन के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ेगा और मरीजों को निरंतर ऑक्सीजन मिलता रहेगा।

प्रदेश का सहकारिता विभाग सीमान्त एवं छोटे किसानों को सहयोग देकर समृद्धशाली बना रहा है

भारत के ग्रामीण अंचल में सीमान्त एवं छोटे कृषकों को साहूकारों के आर्थिक शोषण से मुक्त कराने हेतु सहकारिता के माध्यम से आसान शर्तों पर कर्ज चुकाने की व्यवस्था, सहकारी ऋण समिति अधिनियम बनाने से हुई। इस अधिनियम में आगे चलकर कुछ कमियां दृष्टिगत हुई, जिसे दूर करते हुये एवं सहकारिता के कार्यक्षेत्र में वृद्धि लाने हेतु वर्ष 1912 में नया सहकारी अधिनियम बनाया गया था। कालान्तर में सहकारी आन्दोलन के बहुमुखी प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 1965 में नया सहकारी अधिनियम लागू किया गया। वर्तमान में इसी अधिनियम के अधीन समस्त सहकारी समितियां अपने कार्यों का निष्पादन कर रही हैं। सहकारिता विभाग के संगठन का उददेश्य न केवल कृषकों को सस्ते ऋण की सुविधा उपलब्ध कराना है, वरन् प्रदेश के ग्रामीण तथा शहरी जनता के निर्बल और निर्धन वर्ग को समृद्धशाली बनाते हुये उनके स्तर को ऊपर उठाना है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा विभिन्न योजनायें यथा- सहकारी ऋण एवं बैंकिंग, कृषि निवेश, क्रय-विक्रय, एकीकृत सहकारी विकास परियोजना आदि क्रियान्वित कर सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। सहकारी समितियां सस्ते ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने, सदस्यों में बचत की भावना को विकसित करने, कृषकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के क्रय-विक्रय की व्यवस्था कर उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सहयोग प्रदान करती है। यह समितियां किसानों को कृषि कार्य के उपयोग में आने वाली विभिन्न प्रकार के कृषि निवेशों को उन्हें उचित मूल्य पर उपलब्ध कराती है।

सहकारिता की अधिकोषण योजना के अंतर्गत अल्पकालीन सहकारी साख संरचना के त्रिस्तरीय ढांचे में शीर्ष स्तर पर उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक, जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंकों की 1260 शाखाओं तथा न्याय पंचायत स्तर पर 7479 पैक्स स्थित हैं। उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को कृषि यन्त्रीकरण, पशुपालन, भूमि सुधार हेतु 323 शाखाओं के माध्यम से दीर्घकालीन ऋण वितरण किया जाता है। अल्पकालीन ऋण वितरण वर्ष 2017-18 में अल्पकालीन ऋण वितरण निर्धारित लक्ष्य रु0 8350 करोड़ के सापेक्ष रु0 3908.04 करोड़ का वितरण किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 46.80 प्रतिशत रहा, जिसमें 14.18 लाख कृषक लाभान्वित हुए। वर्ष 2018-19 में लक्ष्य रु0 7911.72 करोड़ के सापेक्ष रु0 5163.17 करोड़ का वितरण किया गया, जो वार्षिक लक्ष्य का 65.26 प्रतिशत रहा, जिसमें कुल 15.45 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2019-20 में लक्ष्य रु0 9500 करोड़ के सापेक्ष रु0 6150.21 करोड़ का वितरण किया गया, जो वार्षिक लक्ष्य का 64.74 प्रतिशत रहा और कुल 16.75 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2020-21 में अल्पकालीन ऋण वितरण के लक्ष्य रु0 10000.00 करोड़ के सापेक्ष रु0 7085.59 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। जो वार्षिक लक्ष्य का 70.86 प्रतिशत रहा और कुल 17.99 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2021-22 में अल्पकालीन ऋण वितरण के लक्ष्य रु0 10000.00 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष दिनांक 24 अगस्त, 2021 तक रु0 5021.60 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। जो वार्षिक लक्ष्य का 50.22 प्रतिशत है।

प्रदेश में उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक की 27 शाखाएँ एवं 50 जिला सहकारी बैंकों की 1260 शाखाएँ सी0बी0एस0 प्रणाली से आच्छादित है तथा इनके द्वारा अपने ग्राहकों को रुपे कार्ड, रुपे के0सी0सी0, आर0टी0जी0एस0/निफ्ट, एस0एम0एस0 अलर्ट, सी0टी0एस0, ई0सी0एस0 क्रेडिट तथा ए0बी0पी0एस0 एवं डायरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर की सुविधा प्रदान कर डिजिटलाईजेशन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया जा रहा है। जिला सहकारी बैंकों द्वारा 142 ए0टी0एम0 का संचालन किया जा रहा है। उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक एवं 42 जिला सहकारी बैंकों द्वारा ए0टी0एम0 सहित 43 मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है, जिससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के कृषकों को बैंकिंग सुविधा सुगमता से उपलब्ध हो रही है। अब तक इन मोबाईल ए0टी0एम0 के माध्यम से लगभग रु0 664.55 करोड़ के लेन देन हो चुके हैं। 16 अन्य मोबाईल वैन की स्वीकृति भी नाबार्ड द्वारा प्रदान की गयी है।

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भारतीय रिजर्व बैंक की केन्द्रीय भुगतान प्रणाली की सीधी सदस्यता ग्रहण कर आर0टी0जी0एस0/एन0ई0एफ0टी0 सुविधा हेतु स्वयं का कोड-यूपीसीबी0000001 प्राप्त किया गया, जिससे उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक को लगभग 19 करोड़ रु0 वार्षिक की बचत हो रही है। प्रदेश में स्थित 42 जिला सहकारी बैंक भी इसी प्लेटफार्म के माध्यम से उप सदस्य के रूप में यह सुविधा उपयोग कर रहे हैं। उ0प्र0 के सहकारी क्षेत्र के एवं निजी क्षेत्र के चीनी मिलों को उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक के नेतृत्व में उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों के लगभग रु0 6500.00 करोड़ ऋण के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में उपलब्ध कराकर कृषकों के गन्ना मूल्य भुगतान एवं चीनी क्षेत्र के विकास में सार्थक योगदान दिया जा रहा है। फूड कन्सोर्टियम में भी उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक भाग ले रहा है। इस क्षेत्र में विगत वर्षों में रु0 1600.00 करोड़ का निवेश किया जा चुका है।

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