कपिल सिब्बल की भरी अदालत में दलील- जज साहब कुछ कीजिए, CJI खन्ना बोले- हम पहले ही बता चुके हैं....

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अभिनय आकाश । Nov 19 2024 1:38PM

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने सिब्बल की बात दोहराते हुए कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी), जो कड़े प्रदूषण-विरोधी उपायों को अनिवार्य करता है, न्यायपालिका को कवर नहीं करता है। GRAP 4 शुरू हो गया है लेकिन GRAP अदालतों को कवर नहीं करता है। परिसर में प्रवेश करने वाले वाहनों के अलावा, इस अदालत में प्रतिदिन वकील, क्लर्क और अन्य कर्मचारियों सहित कम से कम 10,000 लोग आते हैं। शंकरनारायणन ने कहा कि इस अदालत को पूरी तरह से ऑनलाइन प्रणाली की ओर बढ़ने दीजिए।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मंगलवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गंभीर वायु प्रदूषण संकट के जवाब में सुप्रीम कोर्ट को पूरी तरह से ऑनलाइन प्रणाली में स्थानांतरित करने के वरिष्ठ वकीलों के अनुरोध को खारिज कर दिया। यह याचिका तब आई जब क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट में रोजाना हजारों लोग आते हैं। न्यायालय में सुबह के सत्र के दौरान प्रदूषण पर चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बलने संकट की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण से बाहर हो रहा है। 

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वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने सिब्बल की बात दोहराते हुए कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी), जो कड़े प्रदूषण-विरोधी उपायों को अनिवार्य करता है, न्यायपालिका को कवर नहीं करता है। GRAP 4 शुरू हो गया है लेकिन GRAP अदालतों को कवर नहीं करता है। परिसर में प्रवेश करने वाले वाहनों के अलावा, इस अदालत में प्रतिदिन वकील, क्लर्क और अन्य कर्मचारियों सहित कम से कम 10,000 लोग आते हैं। शंकरनारायणन ने कहा कि इस अदालत को पूरी तरह से ऑनलाइन प्रणाली की ओर बढ़ने दीजिए। 

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सीजेआई खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें पता है कि GRAP 4 उपाय लागू किए गए हैं। देखिए, हमें वकीलों के सहयोग की भी ज़रूरत है। हमने वकीलों को पहले ही बता दिया है कि वे सुनवाई में ऑनलाइन शामिल होने का अनुरोध कर सकते हैं। इस बिंदु पर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुरोध का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप किया और सुझाव दिया कि अदालत प्रदूषण संकट के दौरान पूरी तरह से ऑनलाइन स्थानांतरण पर विचार करे। मेहता ने कहा कि अनुरोध यह है कि अगर इसे [GRAP 4] अदालतों तक भी बढ़ाया जा सकता है।

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