संघ से जुड़ाव, मरांडी से लगाव, कुछ ऐसी है झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की कहानी
दीपक काश झारखंड के पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी के बहुत करीबी बताए जाते हैं। 2006 में जब बाबूलाल मरांडी ने झाविमो का गठन किया, तो प्रकाश उनके साथ शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे। लेकिन कुछ वर्षों के बाद फिर से भाजपा में वापस आ गए।
दीपक प्रकाश भारतीय राजनीतिज्ञ और झारखंड से राज्यसभा के सदस्य हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की झारखंड इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। पूर्व में भाजपा की झारखंड इकाई में उपाध्यक्ष और सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। दीपक प्रकाश अपने शुरुआती दिनों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए और फिर 1973 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बने। बाद में दीपक प्रकाश भाजपा में शामिल हो गए। प्रकाश झारखंड के पूर्व सीएम बाबू लाल मरांडी के बहुत करीबी बताए जाते हैं। 2006 में जब बाबूलाल मरांडी ने झाविमो का गठन किया, तो प्रकाश उनके साथ शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे। लेकिन कुछ वर्षों के बाद फिर से भाजपा में वापस आ गए।
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मुखरता से उठाते हैं प्रदेश के मुद्दे
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश अक्सर हेमंत सोरेन सरकरा पर निशाना भी साधते रहे हैं। हाल ही में उन्होने राज्य सरकार पर तंस कसते हुए कहा कि राज्य में परिवारवाद की सरकार चल रही है। इससे जनता का भला होनेवाला नहीं है। इसके अलावा कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर भी प्रकाश ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यहां आतंक का राज है और आपराधिक गतिविधियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं जिसके कारण आम लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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कोरोना काल में हुआ था केस दर्ज
बीजेपी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर बीते साल जनवरी में रांची के कांके थाना में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि दीपक प्रकाश ने अपने समर्थकों के साथ किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर कांके थाना के सुकुरहूटू गांव के खेतों में धरना-प्रदर्शन किया था। इसी को लेकर गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था।
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