असम में आईआईएम की स्थापना को लोकसभा की मंजूरी ऐतिहासिक अवसर : हिमंत

मुख्यमंत्री ने कहा, आईआईटी, एम्स और अब आईआईएम के साथ, असम पूर्वी भारत का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बनने की कगार पर है। आईआईएम-गुवाहाटी देश का 22वां और पूर्वोत्तर का दूसरा आईआईएम होगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) की स्थापना के लिए मंगलवार को लोकसभा में विधेयक पारित किया जाना एक ऐतिहासिक अवसर है।
उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए पूर्वोत्तर में शिक्षा केंद्र के रूप में उभरने की दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि असम में पहले से ही एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) हैं।
शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, असम के लिए यह सचमुच एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि लोकसभा ने राज्य का पहला भारतीय प्रबंध संस्थान स्थापित करने के लिए विधेयक पारित कर दिया है।
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, आईआईटी, एम्स और अब आईआईएम के साथ, असम पूर्वी भारत का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बनने की कगार पर है। आईआईएम-गुवाहाटी देश का 22वां और पूर्वोत्तर का दूसरा आईआईएम होगा।
शर्मा ने पिछले हफ़्ते संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि संस्थान का मार्गदर्शन आईआईएम-अहमदाबाद करेगा और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए एक अस्थायी परिसर में इसी साल से कक्षाएं शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थायी परिसर कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास पलासबाड़ी में स्थापित किया जाएगा। पूर्वोत्तर में पहला आईआईएम 2007 में शिलॉन्ग में स्थापित किया गया था।
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