महाराष्ट्र में जीएसटी चुकाने के लिए और समय देने के लिए कानून में होगा संशोधन

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मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र जीएसटी अधिनियम 2017 में अनुच्छेद 168 क स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। यह केंद्र की ओर से इस वर्ष 31 मार्च को किए गए उपाय के अनुरूप है। बयान में कहा गया है, ‘इससे राज्य के लिए कर भुगतान की अंतिम अवधि बढ़ाने का अधिकार हो जाएगा।’

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने जीएसटी का भुगतान करने वाली इकाइयों को कोरोना वायरस महामारी से पैदा हालत में कर चुकने की अंतिम तिथि में कुछ ढील देने के लिए राज्य माल एवं सेवा कर (राज्य जीएसटी) अधिनियम 2017 में संशोधन का निर्णय किया है। यह ढील हाल में केंद्र द्वारा घोषित सहूलियतों के तर्ज पर ही होगी। यह निणर्य राज्य मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में लिया गया। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र जीएसटी अधिनियम 2017 में अनुच्छेद 168 क स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। यह केंद्र की ओर से इस वर्ष 31 मार्च को किए गए उपाय के अनुरूप है। बयान में कहा गया है, ‘इससे राज्य के लिए कर भुगतान की अंतिम अवधि बढ़ाने का अधिकार हो जाएगा।’ 

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मंत्रिमंडल ने चार लाख लीटर दूध कोपाउडर बनाने की योजना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इसके लिए 127 करोड़ रुपये के व्यव की मंजूरी दी गयी है। इस दुग्ध-चूर्ण और मक्खन को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी दुग्ध महांघ (एनसीडीएफआई) को बेचा जाएगा। राज्य सरकार इस योजना के तहत दूध से दुग्ध-चूर्ण और मक्खन बनाने के लिए प्रति लीटर दूध पर क्रमश:25 और 15 रुपये की सहायता की पेशकश करेगी। राज्य सरकार ने किसानों को खरीफ की बुवाई के लिए और रिण सहायता दिलाने का भी फैसला किया है। यह सहायता कुछ ऐेसे किसानों को भी दिलाई जाएगी जो अपना पिछला फसल रिण नहीं चुका सके हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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