Bihar Assembly Election | बिहार राजग में सीट बंटवारे के बाद अंदरूनी कलह, मांझी-कुशवाहा का असंतोष आया सामने

Manjhi
ANI
Renu Tiwari । Oct 13 2025 10:43AM

बिहार में राजग के सीट बंटवारे से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों में गहरी नाराजगी दिख रही है, जिन्हें अपेक्षा से कम सीटें मिली हैं। मांझी ने इसे गठबंधन के लिए हानिकारक बताया, वहीं कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘बाकी बात समय बताएगा’, जो भविष्य की अनिश्चितता की ओर संकेत करता है। यह घटनाक्रम बिहार की चुनावी राजनीति में नए समीकरणों की नींव रख सकता है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच फिर से मतभेद उभरकर सामने आए हैं। राजग के दो छोटे सहयोगी दल केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) को छह-छह सीट मिलने पर दोनों दलों ने सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर असंतोष जताया है।

राजग ने रविवार को 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की थी, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीट छोटे घटक दलों को दी जाएंगी। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी।

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मांझी ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऊपर से जो फैसला हुआ है, हमने उसे स्वीकार किया है। लेकिन सिर्फ छह सीट देकर हमें कमतर आंका गया है। इसका असर चुनाव में राजग पर पड़ेगा।’’ वहीं, कुशवाहा ने सीट बंटवारे की घोषणा के बाद देर रात ‘एक्स’ पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा, ‘‘प्रिय साथियों, मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं। हमें जितनी सीट मिली है, वह आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। मैं समझता हूं कि यह फैसला उन साथियों को आहत करेगा जो हमारी पार्टी से उम्मीदवार बनने की उम्मीद रखे थे।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। फिर भी मुझे भरोसा है कि आप सभी मेरी और पार्टी की मजबूरियों को समझेंगे। मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि पहले आप सबका गुस्सा शांत हो जाए, फिर खुद समझ पाएंगे कि यह फैसला कितना सही या गलत था। बाकी बात समय बताएगा।’’ मांझी अपनी पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए कम से कम 15 सीट की मांग कर रहे थे। वह दिल्ली में सीट बंटवारे की घोषणा से ठीक पहले पटना लौट आए, हालांकि उन्होंने खुले तौर पर बगावत का रुख नहीं अपनाया। यह पहली बार है जब बिहार में राजग के दोनों छोटे घटक दल बराबर संख्या में सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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इधर, पटना में कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने राजग पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘सीट बंटवारे से यह साफ है कि भाजपा ने नीतीश कुमार को सीमित कर दिया है। अब तक हर चुनाव में जदयू भाजपा से ज्यादा सीट पर लड़ती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। यह स्पष्ट संकेत है कि आने वाले दिनों में भाजपा जदयू को पूरी तरह निगल जाएगी।

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