सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए गए दलों ने सरकार की आलोचना की, प्रक्रिया पर उठाए सवाल
सूत्रों के अनुसार, पार्टियों को निमंत्रण भेजने के लिए जिन मानदंडों का पालन किया गया था उनमें सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल, लोकसभा में पांच से अधिक सांसदों वाले दल, पूर्वोत्तर के प्रमुख दल और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्रियों वाले दल शामिल था।
नयी दिल्ली। राजद, आप और एआईएमआईएम जैसी विपक्षी पार्टियों ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर शुक्रवार को नाराजगी जतायी तथा आमंत्रण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। लालू प्रसाद नीत राष्ट्रीय जनता दल के सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया और कहा कि बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी और विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद उसे आमंत्रित नहीं किया गया। धरना देने वालों में लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती और मनोज झा शामिल थे। झा ने इस प्रकार के राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक से बाहर रखे जाने पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा।
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सूत्रों के अनुसार, पार्टियों को निमंत्रण भेजने के लिए जिन मानदंडों का पालन किया गया था उनमें सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल, लोकसभा में पांच से अधिक सांसदों वाले दल, पूर्वोत्तर के प्रमुख दल और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्रियों वाले दल शामिल था। प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए झा ने ट्वीट किया, पांच सदस्यों के तर्क का खुलासा... राज्यसभा में हमारी संख्या पांच और दूसरा.. चार सांसद वाली तेदेपा को आमंत्रित किया गया, अपना दल- दो सांसद, आमंत्रित किया गया, शिअद... दो सांसद, आमंत्रित किया गया, भाकपा-दो सांसद- को आमंत्रित किया गया...।’’
अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बैठक में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जतायी। राज्यसभा नेता संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी की दिल्ली में सरकार है और पंजाब में यह मुख्य विपक्षी पार्टी है। लेकिन फिर भी भाजपा इतने महत्वपूर्ण मामले पर उसकी राय नहीं चाहती है। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, केंद्र की भाजपा सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर सभी को साथ लेना चाहिए। लोकतंत्र के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन बार के मुख्यमंत्री को एक महत्वपूर्ण विषय पर सुझाव देने के लिए नहीं बुलाया गया है।
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आप ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘यह गर्व की बात है कि सर्वदलीय बैठक नयी दिल्ली में हो रही है, जहां आप का शासन है। उम्मीद है कि बैठक में चीन से उत्पन्न खतरे और लद्दाख में चल रहे संकट का सम्मानजनक समाधान निकलेग...।’’ राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी पार्टियों को बैठक के लिए आमंत्रित करने के मापदंड पर सवाल उठाया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मोदी को पत्र लिखकर सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर निराशा जतायी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राष्ट्रीय सहमति और एकजुट जवाब आवश्यक है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी पार्टी को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) नेता एच डी देवेगौड़ा को भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि वह सर्वदलीय बैठक बुलाने के प्रधानमंत्री के फैसले की पूरी तरह से सराहना करते हैं। गौड़ा ने सुझाव दिया कि एक वरिष्ठ सेवारत सैन्य अधिकारी और राजनयिक को जमीनी स्थिति तथा बातचीत की प्रगति के संबंध में विपक्षी नेताओं के लिए एक विस्तृत प्रस्तुति देनी चाहिए।
Delhi: Rashtriya Janata Dal (RJD) leaders including Manoj Jha and Misa Bharti staged a protest near Gandhi Statue in Parliament. Manoj Jha says, "we are upset because we have not been invited to the all-party meeting called by PM Modi over #GalwanValleyFaceOff." pic.twitter.com/MWEiX9ft46
— ANI (@ANI) June 19, 2020
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