हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भीषण भूस्खलन! खाई में दब गयी चलती बस, 13 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से दस लोगों की मौत हो गई तथा 13 अन्य को बचा लिया गया जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से दस लोगों की मौत हो गई तथा 13 अन्य को बचा लिया गया जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। इस भूस्खलन का एक वीडियो सामने आया है। इसमें दिखा कि पहले तो पहाड़ से पत्थर नीचे नदी में गिरे। उसके बाद पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर और नदी में गिर जाता है। बचाव कर्मियों ने रात होने से पहले अभियान पूरा करने के लिए निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास मलबे से जीवित बचे लोगों और शवों को निकालने के लिए संघर्ष किया।
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दोपहर से थोड़ा पहले हुए भूस्खलन के कुछ घंटे बाद किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि 10 शव निकाले जा चुके हैं लेकिन अन्य व्यक्तियों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता के अनुसार, मृतकों में से आठ एक टाटा सूमो टैक्सी में फंसे पाए गए। मोख्ता ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, अब भी मलबे में दबी हुई है। अधिकारी ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि एचआरटीसी की एक और बस और एक बोलेरो और उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं पाए गए और उनका अब भी पता नहीं चल सका है। उन्होंने कहा कि यह संभव हो सकता है कि दोनों वाहन मलबे के साथ नीचे लुढ़क गए हों। इस बीच, अधिकारियों ने रात करीब 10 बजे तलाशी अभियान स्थगित कर दिया और बृहस्पतिवार सुबह इसे फिर से शुरू किया जाएगा।
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मोख्ता ने यह भी कहा कि एक टाटा सूमो मिली है जिसमें आठ लोग मृत पाए गए। उन्होंने कहा कि पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और चालक का शव बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि कार के अंदर कोई नहीं मिला। इससे पहले शुरुआती रपटों में कहा गया था कि सरकारी बस में 40 लोग हो सकते हैं लेकिन बाद में पता चला कि यह संख्या बहुत कम है। इससे पहले, भावनगर के थानाप्रभारी ने कहा कि लगभग 25 से 30 लोग मलबे में दबे हुए हैं। प्रारंभिक जानकारी सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य विधानसभा को बताया कि मलबे के नीचे 50-60 लोगों के फंसे होने की आशंका है, लेकिन सही संख्या का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की है और अब तक की सर्वोच्च प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाने और उन्हें सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करना है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ठाकुर से बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की।
प्रधानमंत्री ने जारी बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।’’ केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की। गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया। ठाकुर ने विधानसभा को यह भी बताया कि सेना के एक अधिकारी ने उनसे बात की और मदद की पेशकश की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन तब हुआ जब उस समय इलाके में बारिश नहीं हुई थी। राज्य के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में पांच महिलाएं और दो साल की एक बच्ची शामिल है।
मोख्ता ने बताया कि मृतकों में से दो की पहचान शिमला जिले के रामपुर के कैया गांव निवासी रोहित कुमार (25) और हमीरपुर जिले के सुजानपुर के झोल गांव निवासी विजय कुमार (32) के रूप में हुई है। टाटा सूमो में मिले आठ मृत लोगों की पहचान किन्नौर के सांगला तहसील के सपनी निवासी दो वर्षीय बालिका वंशुका, मीरा देवी, नितीशा, प्रेम कुमारी (42), ज्ञान दस्सी, देवी चंद (53), सभी किन्नौर जिले से और सोलन के रेचुटा गांव के कमलेश कुमार (34) के तौर पर हुई है। मोख्ता ने बताया कि एक मृत व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो पायी है। अधिकारियों ने घायलों की पहचान बिलासपुर के हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बस चालक महिंदर पाल, मंडी के बस कंडक्टर गुलाब सिंह, प्रशांत, वरुण मेनन, हमीरपुर के राजेंद्र, किन्नौर के दौलत, शोरंग परियोजना चालक एवं पंजाब के फतेहगढ़ साहिब निवासी चरण जीत सिंह, नेपाल की सवीन शर्मा, शिमला के रामपुर की जप्ती देवी, किन्नौर के पूह के चंद्र ज्ञान, रामपुर के अरुण, किन्नौर के मूरांग निवासी अनिल कुमार और कैजांग नेगी के तौर पर की है।
अधिकारियों ने कहा कि घायलों को भावनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्थानांतरित किया गया है। मोख्ता ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नूरपुर से एनडीआरएफ को तलाशी एवं बचाव अभियान चलाने के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, त्वरित प्रतिक्रिया दल (पुलिस) और चिकित्सा दल सहित खोज और बचाव दल घटना स्थल पर हैं। उन्होंने कहा कि दस एम्बुलेंस, चार अर्थ मूवर, आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के 52 जवान, पुलिस के 30 जवान और एनडीआरएफ के 27 जवान बचाव अभियान में शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे। इसी तरह 27 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी, दो अन्य घायल हो गए थे और दो लापता हो गए थे। जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 4 अगस्त को राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं।
A team of the National Disaster Response Force (NDRF) engaged in search and rescue operation at Kinnaur landslide site in Himachal Pradesh
— ANI (@ANI) August 12, 2021
Death toll in the incident is 13 pic.twitter.com/f0gRZtxfDD
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