धार की घटना में दोषी अधिकारी हों तत्काल दंडित: मायावती

May be the guilty officer in the case of Dhar punished: Mayawati
[email protected] । Apr 30 2018 4:43PM

मायावती ने यहां बयान जारी कर कहा, ''इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को सभी राज्यों को सख़्त आदेश जारी करना चाहिये ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति अन्यत्र कहीं नहीं होने पाये।''

लखनऊ। मध्य प्रदेश के धार ज़िले में सिपाही की भर्ती के दौरान अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों के सीने पर ‘‘एससी व एसटी‘‘ अंकित करने की घटना को निन्दनीय बताते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ऐसी जातिवादी एवं घृणित घटना के लिए दोषी अधिकारियों को तत्काल दंडित किया जाना चाहिए। मायावती ने यहां बयान जारी कर कहा, 'इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार को सभी राज्यों को सख़्त आदेश जारी करना चाहिये ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति अन्यत्र कहीं नहीं होने पाये।' उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में वैसे तो दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों पर भारी जुल्म-ज्यादती, अन्याय और शोषण की खबरें लगातार आती रहती हैं, परन्तु धार की ताजा घटना वास्तव में भाजपा सरकार के नये-नये उभरे ‘‘दलित प्रेम‘‘ का अशोभनीय नमूना है, जिससे इनके पाखण्ड की पोल खुलती है।

उन्होंने सवाल किया, 'ऐसी जातिवादी और घृणित घटनाओं के सम्बन्ध में भाजपा एण्ड कम्पनी के शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरी तरह से चुप्पी साधे रहना आर्थात इसकी भर्त्सना नहीं करना क्या शोभा देता है?' बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारों के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के प्रति हीन, जातिवादी व द्वेषपूर्ण रवैये का परिणाम है कि इन वर्गों के लोग धर्म परिवर्तन तक करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका ताज़ा उदाहरण गुजरात के ऊना दलित काण्ड के पीड़ित परिवारों का हैं जिन्होंने सामूहिक तौर पर हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्व धर्म की दीक्षा ले ली है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री और भाजपा नेताओं ने वोटों के स्वार्थ व मीडिया में प्रचार के लिये दलितों के घर जाने का नया फैशन, कांग्रेस की तर्ज पर शुरू किया है, लेकिन इससे दलितों के जीवनस्तर में बदलाव नहीं आने पर इनकी काफी किरकिरी हो रही है।

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