राष्ट्रपति पद से हटते ही रामनाथ कोविंद पर महबूबा मुफ्ती ने साधा निशाना, जानें ट्वीट पर क्या कहा

Mehbooba Mufti
ANI
अंकित सिंह । Jul 25 2022 11:34AM

अपने ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने रामनाथ कोविंद के लिए लिखा कि निवर्तमान राष्ट्रपति अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जहां संविधान को अनेकों बार कुचला गया है। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि चाहे अनुच्छेद 370 के खत्म करने की बात हो, नागरिकता कानून हो या अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बनाना हो।

देश को नया राष्ट्रपति मिल गया है। द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीम राष्ट्रपति बनी हैं। आज ही उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्थान लिया है। हालांकि, राष्ट्रपति पद से हटने के साथ ही रामनाथ कोविंद पर महबूबा मुफ्ती ने निशाना साधा है। इसके लिए उन्होंने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने रामनाथ कोविंद के लिए लिखा कि निवर्तमान राष्ट्रपति अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जहां संविधान को अनेकों बार कुचला गया है। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि चाहे अनुच्छेद 370 के खत्म करने की बात हो, नागरिकता कानून हो या अल्पसंख्यकों और दलितों को निशाना बनाना हो। उन्होंने भारतीय संविधान के नाम पर भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को पूरा किया। 

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इतना ही नहीं, महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान पर भी निशाना साधा। इसके लिए उन्होंने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में महबूबा ने लिखा कि जिस तरह से प्रशासन जम्मू कश्मीर में छात्रों दुकानदारों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मजबूर कर रहा है। ऐसा लगता है कि कश्मीर एक दुश्मन क्षेत्र है जिसे कब्जा करने की जरूरत है। इसके आगे उन्होंने यह भी लिखा कि देश भक्ति स्वाभाविक रूप से आती है इसे थोपा नहीं जा सकता। 

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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों में राष्ट्रध्वज फहराकर ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम को मजबूत करने की शुक्रवार को अपील की थी। मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा था कि यह मुहिम तिरंगे के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा करेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि 22 जुलाई, 1947 को ही तिरंगे को राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आज उन सभी लोगों के साहस और प्रयासों को याद करते हैं, जिन्होंने उस समय स्वतंत्र भारत के लिए एक ध्वज का स्वप्न देखा था, जब हम औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ रहे थे। हम उनके सपने को पूरा करने और उनके सपनों के भारत का निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

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