कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीका से 25 से ज्यादा चीते लाए जाएंगे : केन्द्रीयमंत्री

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उन्होंने कहा, ‘‘देश में तेंदुआ, बाघ, एशियाई शेर तो थे, लेकिन चीता विलुप्त हो गया था। अब चीता फिर से देश में बसाया जा रहा है। कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री इनकी बसाहट का उद्घाटन करने के लिए आ रहे हैं।’’ यादव ने बताया कि इस उद्यान को मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय मंत्री तोमर के साथ केन्द्र सरकार ने तैयार किया है।

केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने रविवार को कहा कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से अलग-अलग चरणों में 25 से ज्यादा चीते लाए जाएंगे, जिनमें से शुरुआत में आठ चीते इस उद्यान में 17 सितंबर को पहुंचेंगे। यादव ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए यह बात कही। इसके बाद वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ श्योपुर जिले के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण करने गए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश में तेंदुआ, बाघ, एशियाई शेर तो थे, लेकिन चीता विलुप्त हो गया था। अब चीता फिर से देश में बसाया जा रहा है। कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री इनकी बसाहट का उद्घाटन करने के लिए आ रहे हैं।’’ यादव ने बताया कि इस उद्यान को मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय मंत्री तोमर के साथ केन्द्र सरकार ने तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में नामीबिया से आठ चीते लाए जा रहे हैं। लेकिन भविष्य में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका दोनों से मिलाकर 25 से ज्यादा चीते आएंगे।’’

यादव ने बताया कि इसको एक परियोजना की तरह अंजाम दिया जाएगा और वन्य प्राणी विशेषज्ञ वन विभाग के साथ मिलकर इनकी निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि चीतों की बसाहट से पर्यावरण के प्रति जागरुकता तो होगी ही, साथ में भारत की पर्यावरण के अनुकूल छवि भी बनेगी। यादव ने कहा कि इसके अलावा अंचल के पर्यटन व अन्य गतिविधियों में इजाफा होगा, जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। बाद में यादव ने चौहान एवं तोमर के साथ कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण किया।

इसके बाद चौहान ने चीता मित्र सम्मेलन को संबोधित कर करते हुए कहा कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान से विस्थापित हुए ऐसे ग्राम जो अभी भी मजरे टोले है, उन्हें पूर्ण राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जायेगा; यह कार्यवाही आज से ही शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पांस कौशल विकास केन्द्र बनाये जायेंगे, जिनमें क्षेत्रीय युवाओं को प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को चीतों की सौगात देने इस उद्यान में आ रहे हैं; यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि यह उद्यान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायेगा। उन्होंने कहा कि एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप पर चीतों का स्थानांतरण एक अद्भुत कार्य है; कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से चीतों को लाकर बसाया जा रहा है। चौहान ने बताया किप्रधानमंत्री मोदी अपने जन्म-दिवस पर कुनो-पालपुर के बाड़े में चीतों को छोड़ेंगे। इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में पोषण आहार का मामला हम विधानसभा में उठाएंगे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि वर्ष 2021 की रिपोर्ट में प्रदेश का श्योपुर जिला सबसे ज़्यादा कुपोषित जिले के रूप में सामने आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘श्योपुर जिले में 2,1000 बच्चे कुपोषित और 5,000 बच्चे अति कुपोषित पाये गये हैं।, यह वहां की स्थिति है।’’ कमलनाथ ने कहा, ‘‘पोषण आहार घोटाले के भ्रष्टाचार में भी श्योपुर सबसे आगे आया है और आज कुपोषण पर ध्यान देने की जगह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान श्योपुर में चीतों को बसाने का कार्यक्रम करने जा रहे हैं। उनको तो वहां जाकर कुपोषण पर बात करनी चाहिए। पोषण आहार घोटाले पर बात करनी चाहिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले वहां से कुपोषण दूर करना चाहिए और पोषण आहार घोटाले पर बात करनी चाहिए। चीते तो बाद में भी छोड़े जा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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