मुख्यमंत्री योगी ने अपने आवास पर किया ध्वजारोहण, बोले- राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए

Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का संविधान यहां के हर नागरिक को बिना भेदभाव के एक समान अवसर देने का पक्षधर रहा है और आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत के प्रत्येक नागरिक ने संविधान की इस ताकत का एहसास भी किया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि हमारा सार्वजनिक जीवन हमें एक ही धर्म यानी ‘राष्ट्र धर्म’ की प्रेरणा देता है और इसे सर्वोपरि रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने आवास पर ध्वजारोहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि हमारा संविधान मौलिक अधिकारों के साथ-साथ उन कर्तव्यों के प्रति भी आगाह करता है जो एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में हम सबके हैं। हमें याद रखना होगा कि हमारा व्यक्तिगत जीवन ही नहीं है, हमारा सार्वजनिक जीवन भी है और सार्वजनिक जीवन हमें एक धर्म की प्रेरणा देता है और वह धर्म है राष्ट्र धर्म। राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए। 

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उन्होंने कहा कि भारत का संविधान यहां के हर नागरिक को बिना भेदभाव के एक समान अवसर देने का पक्षधर रहा है और आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत के प्रत्येक नागरिक ने संविधान की इस ताकत का एहसास भी किया है। योगी ने कहा, देश में भले ही जातियां अनेक हों, अनेक मत और मजहब के आधार पर लोगों की धार्मिक और उपासना विधियां, खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा अलग-अलग हों लेकिन अनेकता के बावजूद उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक अगर पूरा भारत एकता के सूत्र में बंधा है तो इसमें संविधान की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान निर्माताओं और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, देश के संविधान के प्रति सम्मान का भाव रखना यहां के हर नागरिक का दायित्व बनता है। हमारा संविधान केवल हमारे संवैधानिक अधिकारों की बात नहीं करता बल्कि दायित्वों का बोध भी कराता है। योगी ने कहा कि 26 जनवरी की तिथि केवल संविधान लागू करने की तिथि नहीं है, बल्कि देश में जब ब्रिटिश हुकूमत थी तब इस तिथि को पूर्ण स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाने की व्यवस्था थी और लगभग डेढ़ दशक तक ऐसी स्थिति थी। 

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मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का जिक्र करते हुए कहा, हम सब के लिए 72वां गणतंत्र दिवस इस बीमारी से बचाव का उपहार लेकर भी आया है। दुनिया के अंदर भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने दो स्वदेशी टीके विकसित किये हैं। उन्होंने अमेरिका तथा यूरोप के कई विकसित देशों के मुकाबले भारत में कोविड-19 महामारी के कारण कम नुकसान होने का श्रेय यहां के नागरिकों के अनुशासन को दिया। योगी ने कहा, स्वास्थ्य ढांचा ही अगर इस महामारी से बचा पाता तो दुनिया में बहुत बड़े-बड़े देश हैं, चाहे वह अमेरिका हो, चाहे यूरोप के कई देश हों, उनके पास यह (ढांचा) भारत से कई गुना अच्छा है लेकिन कहीं ना कहीं जो एक अनुशासन का भाव है, जहां इसमें कमी आई उसका परिणाम क्या रहा है। उन देशों के अंदर यह महामारी व्यापक जनहानि का कारण बनी।

उन्होंने कहा कि लेकिन भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समय से लिए गए निर्णय और फिर निरंतर संवाद के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सभी अधिकारों के साथ इस देश के नागरिक जी रहे हैं, आगे बढ़ रहे हैं और स्वाधीनता का अनुभव कर रहे हैं। योगी ने प्रदेश में 15 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, हमारा विश्वास है कि 15 फरवरी के आसपास हम कोरोना योद्धाओं को भी, चाहे वे पुलिस के जवान हों, भारत की सीमा पर रक्षा करने वाले भारतीय सेना के हमारे बहादुर जवान हों, होमगार्ड और पीआरडी जवान हों, स्वच्छता कर्मी और राजस्व कर्मी हों, उन्हें यह टीका लगाने प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।

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