भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाएगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति: रमेश पोखरियाल
कोविड-19 संकट के बीच जुलाई में केंद्र ने नयी शिक्षा नीति पेश की थी। पोखरियाल ने कहा कि देश में उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली होने के चलते कभी दुनिया भर से विद्वान नालंदा और तक्षशिला में अध्ययन करने के लिए भारत की यात्रा करते थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘नयी शिक्षा नीति से लैस भारत एक बार फिर अध्ययन के क्षेत्र में विश्व गुरु और ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बन कर उभरेगा क्योंकि यह हमारे अतीत को भविष्य से जोड़ती है। ’’ पोखरियाल ने कहा कि नयी शिक्षा नीति भारतीय छात्रों को जीवन के सभी क्षेत्र में आगे बढ़ने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगी। साथ ही, देश रोजगार प्रदान करने वाला बन जाएगा और यह नौकरी मांगने वाला नहीं रहेगा। मंत्री ने भारत की प्रतिभा को पेटेंट के साथ जोड़ने पर भी जोर दिया क्योंकि यह देश के आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसंधान कोष और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकीय मंच भी अनुसंधान एवं विकास के लिए माहौल में बड़े बदलाव लाएगा, जो और भी समावेशी बन जाएगा।The institute has been working on developing an open-source ventilator design, a blockchain platform which would issue test results for #COVID-19 & certificates of vaccine.#IIITBengaluru is also looking at speech technologies in Hindi & English, to name a few projects.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) December 4, 2020
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प्राथमिक से लेकर उच्चतर शिक्षा तक और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक ढांचे के तौर पर एनईपी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य भारत की विविधता को क्षेत्रीय भाषाओं के संदर्भ में पेश करना है। साथ ही, मातृ में प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने का फायदा प्रदान करना है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में संस्थान के संकाय सदस्यों, छात्रों और शोधार्थियों द्वारा विभिन्न प्रौद्योगिकी के नवोन्मेष में किए गए कार्यों की सराहना की। दीक्षांत समारोह के दौरान संस्थान ने 446 छात्रों को डिग्री प्रदान की, जिनमें पीएचडी के 35, एमटेक के 141, एमएससीके 70 और बीटेक के 200 छात्र शामिल हैं।
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