एक के बाद एक गुजरात सरकार को हाई कोर्ट से लग रहा झटका, अब इस कानून को लेकर लगी फटकार

अनुराग गुप्ता । Aug 26 2021 5:33PM
अदालत ने कहा कि लोगों को संपत्ति को खाली कराने के लिए गुंडों को किराए पर लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि कानून में पर्याप्त प्रावधान मौजूद हैं।
गांधीनगर। गुजरात हाई कोर्ट ने विजय रूपाणी सरकार को झटका दिया है। हाल ही में अदालत ने राज्य के धर्मांतरण विरोधी नए कानून की अंतरधार्मिक विवाह संबंधी कुछ धाराओं के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। जिसके बाद सरकार ने फिर से अदालत का रुख किया है। वहीं दूसरी तरफ अदालत ने निजी संपत्ति विवादों को लेकर बनाए गए पासा कानून को लेकर सरकार को झटका दिया है।
इसे भी पढ़ें: लस्सी के बाद अब पापड़ में भी नहीं वसूला जाएगा GST! गुजरात कोर्ट ने सुनाया फैसला
गुंडों को किराए पर लेने की आवश्यकता नहीं
अदालत ने कहा कि लोगों को संपत्ति को खाली कराने के लिए गुंडों को किराए पर लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि कानून में पर्याप्त प्रावधान मौजूद हैं। न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने अमरेली जिले के चार व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए यह तीखी टिप्पणी की, जिन्हें संपत्ति मामले में पासा के तहत हिरासत में लिया गया था।अदालत ने पासा को खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने नए भूमि हथियाने वाले कानूनों में भ्रष्ट आचरण के खतरों की ओर भी इशारा किया।इसे भी पढ़ें: गुजरात सरकार ने सेवारत डॉक्टरों के लिए नॉन-प्रैक्टिस एलाउंस को मंजूरी दी
धर्मांतरण विरोधी कानून की कुछ धाराओं पर लगी रोक
हाल ही में गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के धर्मांतरण विरोधी नए कानून की अंतरधार्मिक विवाह संबंधी कुछ धाराओं के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बिरेन वैष्णव की खंडपीठ ने बताया कि लोगों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया गया था। विवाह के माध्यम से जबरन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन के लिए दंडित करने वाले गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 को राज्य सरकार ने 15 जून को अधिसूचित किया गया था। फिलहाल सरकार ने फिर से अदालत का रुख किया है।We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़